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रविवार, सितम्बर 8, 2024

Vimaleshwar Mandir Uttarkashi: क्रोध शांति के लिया जहाँ भगवान परशुराम ने तप किया

Vimaleshwar Mandir Uttarkashi: सीमावर्ती जिले के वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर स्थित विमलेश्वर महादेव मंदिर के संबंध में मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां प्रार्थना करते हैं भगवान शिव उनकी सारी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। इस मंदिर में निःसंतान दंपति को पूजा का फल प्राप्त होता है। 

वरुणावत पर्वत पर स्थित विमलेश्वर महादेव मंदिर के संबंध में मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां प्रार्थना करते हैं भगवान शिव उनकी सारी मनोकामना दूर पूरी करते हैं।

इतिहास 

स्कंद पुराण में मान्यता है कि भगवान परशुराम ने अपना क्रोध शांत करने के लिए वरुणावत पर्वत के शिखर पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। यह वरुणावत पर उत्तरकाशी स्थित है, जिसमे संग्राली गाँव के निकट यह मंदिर स्थित है। उत्तरकाशी में आयोजित पंचकोशी यात्रा के दौरान यह वरुणावत पर्वत का अंतिम चरण माना जा सकता है।

जबकि कुछ लोग संग्राली के कंडार देवता के मंदिर को अंतिम चरण मानते हैं। हालांकि शिखारेश्वर के बाद विमलेश्वर अपनी विशेष महत्व रखते हैं। चारधाम यात्रा के दौरान यहाँ बहुत पर्यटक आना पसंद करते हैं।

विमलेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग और मंदिर के पृष्ठ विशेष
उत्तरकाशी मे स्थित दिव्य विमलेश्वर मंदिर | uttarakhandhindinews.in

भगवान शिव उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए थे। तब भगवान परशुराम का क्रोध शांत हुआ। इसके लिए परशुराम ने भगवान शिव यहां पर शिवङ्क्षलग के रुप में विराजमान होने की बात कही। तब से लेकर आज तक आसपास के ग्रामीण इस स्थान को विमलेश्वर महादेव के नाम से भी पूजते हैं। 

कैसे पहुंचे 

ऋषिकेश से उत्तरकाशी की दूरी करीब 170 किमी है। श्रद्धालु देहरादून और ऋषिकेश से बस में सवार होकर उत्तरकाशी के बस अड्डा पहुंचेंगे। फिर श्रद्धालु यहां से टैक्सी, मैक्स और निजी वाहनों में सवार होकर करीब 12 किमी दूर वरुणावत के शीर्ष पर पहुंचेंगे। वाहन से उतरने के बाद मात्र 50 मीटर की पैदल दूरी तय कर आप विमलेश्वर महादेव (Vimaleshwar Mandir) के दर्शन करेंगे। 

विमलेश्वर मंदिर मे भगवान परशुराम ने क्रोध शांति हेतु महादेव की आराधना यहीं पर की थी ।
भगवान दत्तात्रेय के परामर्श पर परशुराम ने यहीं अपने क्रोध शांति हेतु, भगवान शिव की आराधना की थी। | uttarakhandhindinews.in

पंडित दिवाकर नैथानी कहते हैं, आदिकाल से यहां भगवान शिव का पौराणिक शिवलिंग है। सावन मास में श्रद्धालु इसी शिवलिंग में दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक कर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। सावन मास में निःसंतान दंपति के पूजा करने से भगवान शिव उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। 

भगवान शिव परम दयालु हैं, साथ ही भगवान परशुराम के गुरु तथा आराध्य हैं, इसीलिए विमलेश्वर मंदिर में उन्हे पूजा जाता है।

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मंदिर के सेवक प्रद्युम्न नौटियाल बताते हैं कि सावन मास में स्थानीय ग्रामीण और कांवड़ यात्री यहां भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। चीड़ और देवदार के वृक्षों के बीच विमलेश्वर महादेव का यहां अदभुत मंदिर है। 

Vimaleshwar Mandir Uttarkashi important links

  1. उत्तरकाशी प्रशासन 
  2. उत्तरकाशी पुलिस  (पुलिस अधीक्षक SP Uttarkashi 9411112733, 01374-222116)

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UHN News Desk
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