उत्तराखंड परिवहन निगम की रोडवेज बसों की बदहाली का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है, की बीते वर्ष में 4 रूट पर रोडवेज सेवा बंद होने से आम लोगों और यात्रियों दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
उत्तराखंड रोडवेज के अल्मोड़ा डिपो की हालत साल दर साल खराब हो रही है। बीते एक साल में ही चार रूटों पर बसों का संचालन बंद हो गया है। इससे सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा प्रभावित पहाड़ की जनता हो रही है। कई दूर-दराज मार्गों पर रोडवेज बस ही आवाजाही के प्रमुख साधन हैं, किंतु उत्तराखंड परिवहन निगम का सुस्त रवैया दिखाई पड़ता है।
पहाड़ों में लंबे सफर पर एकमात्र आवाजाही का माध्यम रोडवेज ही हैं और इनके बंद होने से लोग परेशान हैं। बसें संचालित नहीं होने से दूरस्थ क्षेत्रों के लोग टैक्सी वाहनों से अधिक किराया देकर आवाजाही करने को मजबूर हैं।
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वहीं दूसरी तरफ रोडवेज बस सेवा मार्गों की संख्या बढ़ने के बजाए घटती जा रही है। दूसरी तरफ रोडवेज की आय पर भी असर पड़ रहा है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में अंतरराज्यीय बस अड्डा निर्माणाधीन है। इस बस अड्डे की घोषणा के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें अतिरिक्त रूटों के लिए भी बस सेवा का लाभ मिलेगा।
नए मार्गों में बसों का संचालन होगा, किंतु लोगों की उम्मीद के विपरीत नई बस सेवाएं शुरू होने के बजाए बंद हो रही हैं जो वास्तव में चिंता का कारण बना हुआ है.
अल्मोड़ा-टनकपुर, लमगड़ा-दिल्ली, बेतालघाट-दिल्ली और अल्मोड़ा-देहरादून मार्ग के लिए बसों का संचालन ठप है। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारी चालकों की कमी के चलते बसों का संचालन ठप होने की बात कह रहे हैं।