उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 17 अप्रैल से 20 अप्रैल तक राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। यह चेतावनी विशेष रूप से पर्वतीय और तीर्थ स्थलों के पास के इलाकों के लिए अहम मानी जा रही है।
उत्तराखंड में वर्षा के कारण होने वाले खतरे
उत्तराखंड एक भौगोलिक रूप से संवेदनशील राज्य है, जहां मानसूनी और प्री-मानसूनी बारिश अक्सर भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी आपदाओं का कारण बनती है। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा और हाल ही में 2021 की चमोली बाढ़ इस क्षेत्र में मौसम के प्रभाव की गंभीरता को दर्शाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा की तीव्रता और अनिश्चितता बढ़ रही है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं का खतरा और अधिक बढ़ गया है।
🌧️ ताजा पूर्वानुमान: 17 से 20 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में बारिश
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि:
"17 अप्रैल को गढ़वाल मंडल के छह और कुमाऊं मंडल के पांच जिलों में बारिश की संभावना है। 18 से 20 अप्रैल तक यह बारिश पूरे राज्य में फैल सकती है। 21 अप्रैल को बारिश की तीव्रता घटेगी और केवल तीन जिलों में ही बारिश की संभावना है।"
IMD के मुताबिक, यह मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं के कारण बनी है, जिससे मध्यम से भारी वर्षा होने के आसार हैं।
Forecast/ Warning issued for Uttarakhand on 15.04.2025 pic.twitter.com/PCvfk00lau
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) April 15, 2025
📉 तापमान रिपोर्ट: मैदानों में गर्मी से राहत, पर्वतीय क्षेत्रों में ठंडक
बारिश के कारण तापमान में गिरावट देखी जा रही है। उत्तराखंड के प्रमुख शहरों का तापमान इस प्रकार है:
शहर | अधिकतम (°C) | न्यूनतम (°C) |
---|---|---|
देहरादून | 31 | 19 |
हरिद्वार | 34 | 19 |
रुद्रपुर | 36 | 23 |
काशीपुर | 36 | 22 |
हल्द्वानी | 31 | 21 |
वहीं पर्वतीय जिलों में ठंडक बनी हुई है:
जिला | अधिकतम (°C) | न्यूनतम (°C) |
---|---|---|
नई टिहरी | 20 | 7 |
उत्तरकाशी | 25 | 9 |
रुद्रप्रयाग | 25 | 12 |
चमोली | 23 | 11 |
अल्मोड़ा | 22 | 11 |
पिथौरागढ़ | 24 | 14 |
नैनीताल | 26 | 17 |
🛕 तीर्थ यात्राओं पर संभावित प्रभाव: बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा की तैयारी करें संभलकर
गौरतलब है कि अप्रैल और मई के महीनों में चारधाम यात्रा की शुरुआत होती है। इस वर्ष यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल, केदारनाथ के 2 मई, और बदरीनाथ के 4 मई को खुलने वाले हैं। भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए तीर्थयात्रियों को सावधानी बरतने और मौसम विभाग की एडवाइजरी पर नजर रखने की सिफारिश की गई है।
🧭 विशेषज्ञों की राय और प्रशासनिक तैयारी
जलवायु वैज्ञानिक डॉ. राजीव श्रीवास्तव के अनुसार:
"पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के पैटर्न में असामान्य बदलाव देखने को मिल रहे हैं। बारिश की तीव्रता और बेमौसम वर्षा, दोनों ही राज्य के लिए चुनौती हैं।"
इस स्थिति को देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए हैं। संवेदनशील इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं और चारधाम यात्रा मार्गों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
🔚 आमजन के लिए सावधानी आवश्यक, यात्रा से पहले जांचें मौसम बुलेटिन
उत्तराखंड में आगामी चार दिनों तक होने वाली बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वालों, तीर्थयात्रियों और किसानों के लिए यह समय विशेष सतर्कता का है। राज्य प्रशासन की तैयारी और आमजन की सावधानी मिलकर इस प्राकृतिक स्थिति से सुरक्षित निकलने में मददगार साबित हो सकते हैं।
➡️ यात्रा से पूर्व मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (mausam.imd.gov.in) पर बुलेटिन जरूर जांचें।