देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के तहत लाइव-इन रिलेशनशिप और विवाह से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। नए प्रावधानों के अनुसार, अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को स्थानीय प्राधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। साथ ही, विवाह संबंधी कानूनों में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे विवाह प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी बनेगी।
क्या हैं नए नियम?
लाइव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन: अब कोई भी जोड़ा लाइव-इन रिलेशनशिप में रहने से पहले जिला प्राधिकारी को सूचित करेगा। रजिस्ट्रेशन न कराने पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
विवाह की नई प्रक्रिया: विवाह करने वाले जोड़ों को अब विवाह पंजीकरण के दौरान अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने होंगे, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
बाल विवाह और बहुविवाह पर सख्ती: UCC के तहत बाल विवाह और बहुविवाह पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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सरकार का उद्देश्य
उत्तराखंड सरकार का कहना है कि इन बदलावों का मकसद महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा करना है। लाइव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने से महिलाओं को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि UCC के तहत ये नए नियम सामाजिक न्याय को बढ़ावा देंगे। हालांकि, कुछ लोगों का तर्क है कि लाइव-इन रिलेशनशिप जैसे निजी मामलों में सरकार का हस्तक्षेप व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में दखल हो सकता है।
अब यह देखना होगा कि इन नए प्रावधानों का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या यह उत्तराखंड में कानूनी व्यवस्था को मजबूत करने में सफल होते हैं।
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