चमोली: जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि खैनुरी गांव के अनाथ बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम के तहत प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये, और बच्चों की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाएगा। साथ ही साथ भविष्य में भी उनकी मदद जारी रहेगी। गौरतलब है की बच्चों के माता-पिता के निधन के बाद प्रशासन ने उन्हें सहारा देने के लिए कदम उठाए हैं, ताकि उनकी परवरिश सही तरीके से हो सके।
खैनुरी गांव में 15 वर्षीय संजना, 13 वर्षीय साक्षी और 10 वर्षीय आयुष अपने माता-पिता को खोकर अनाथ हो गए थे | UHN |
चमोली जिले के खैनुरी गांव में हाल ही में माता-पिता की मृत्यु के बाद अनाथ हुए बच्चों को मिशन वात्सल्य योजना के तहत स्पांसरशिप योजना से जोड़ा गया है। दो बच्चों को प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे कुल 8 हजार रुपये प्रति माह का सहयोग प्राप्त होगा। यह सहायता दिसंबर 2024 से प्रभावी होगी।
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कुछ दिन पहले खैनुरी गांव में 15 वर्षीय संजना, 13 वर्षीय साक्षी और 10 वर्षीय आयुष अपने माता-पिता को खोकर अनाथ हो गए थे, जिसके कारण उनके सामने जीवन जीने की कठिनाइयां आ गई थीं। सोशल मीडिया के माध्यम से यह मामला जिलाधिकारी के ध्यान में आया।
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुसार, राजस्व विभाग की टीम ने गांव में जाकर स्थिति का निरीक्षण किया और बच्चों के भरण-पोषण के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई।
सीएम सर @pushkardhami जी इनको जल्द प्रधानमंत्री आवास प्रदान करने की कृपा करें 🙏
— Uttarakhand (@UttarakhandGo) December 15, 2024
जिले चमोली के खेनोरी गांव के हैं, सर से मां-बाप का साया उठ चुका है और घर की स्थिति आप वीडियो में देख सकते हैं pic.twitter.com/OFM7pA6hHw
इसके बाद, तहसील से बच्चों के सभी आवश्यक प्रमाण पत्र तैयार किए गए। जिलाधिकारी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन वात्सल्य योजना के तहत बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम से जोड़ने के आदेश दिए।
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अब बच्चों को इस योजना के तहत 8 हजार रुपये प्रति माह की सहायता मिल रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों की भविष्य की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाएगा और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।