देहरादून: उत्तरकाशी के ओसला गांव में रविवार को एक 16 वर्षीय लड़के की एक भालू के हमले में मौत हो गई। यह ओसला गांव गोविंद नेशनल पार्क के किनारे स्थित है, जहां कम आबादी वाला क्षेत्र हैं।
वन अधिकारियों ने बताया कि भालू के हमले से पीड़ित अनुराग को पहले मोरी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था, लेकिन गंभीर चोटों, और उसके जबड़े के क्षत-विक्षत होने के चलते उसे देहरादून में उच्च चिकित्सा केंद्र रेफर किया गया। रविवार सुबह देहरादून के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 16 वर्षीय अनुराग की की मौत हो गई।
वन विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल उत्तराखंड में भालू के हमले से होने वाली यह तीसरी मौत है। इससे पहले दो अन्य मौतें रुद्रप्रयाग और पूर्वी तराई वन प्रभाग में इसी तरह की घटनाओं में हुईं।
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वहीं गांव के निवासी राजपाल रावत ने कहा, “अगर इस क्षेत्र में सड़क कनेक्टिविटी और एक अच्छी तरह से सुसज्जित अस्पताल होता, तो अनुराग की जान बचाई जा सकती थी। पहाड़ी इलाकों में मानव और वन्यजीवों के बीच मुठभेड़ के कारण चिकित्सा के उचित प्रबंध नहीं होने से चुनौती और भी बढ़ जाती है। सड़क ढांचे की कमी के कारण, अक्सर पीड़ित को पैदल कई घंटों तक ले जाना पड़ता है, और फिर उन्हें किसी अन्य जिले या राज्य के बड़े चिकित्सा केंद्र में स्थानांतरित करना पड़ता है।”
वन अधिकारियों ने बताया कि सर्दियों के दौरान जंगली जानवर अक्सर ठंड से बचने के लिए निचले इलाकों में आ जाते हैं, जिससे मानवों के साथ मुठभेड़ हो जाती है। इसलिए इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
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गोविंद नेशनल पार्क के उप निदेशक अभिमन्यु सिंह ने कहा, “हमारे स्टाफ ने लड़के को दूरस्थ क्षेत्र से देहरादून पहुंचाने में परिवार की मदद की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद परिवार को 6 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है।”