राज्य के पर्वतीय नगरों और और कस्बों में सुरंग वाली पार्किंग बनाई जाएंगी। जगह की कमी और जाम की समस्या को देखते हुए लोक निर्माण विभाग की ओर से इसका प्लान तैयार किया जा रहा है। इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों के उन सभी नगरों को शामिल किया जा रहा है जहां आबादी का अत्यधिक दबाव है और अब फैलाव की गुंजाइश नहीं है।
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राज्य में चारधाम मार्ग के प्रमुख पड़ावों के साथ ही कुमाऊं के कई कस्बों में आबादी और पर्यटकों का दबाव तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से आए दिन बाजारों में जाम लगता रहता हे। इस समस्या को देखते हुए अब लोनिवि की ओर से टनल बेस्ड पार्किंग की योजना बनाई गई है। इसके तहत नगरों के पास छोटी छोटी सुरंगें जाएंगी, जहां दो से तीन सौ गाड़ियां पार्क हो सकें।
इन नगरों के लिए योजना
गुप्तकाशी, अगस्त्यमुनि, श्रीनगर, उत्तरकाशी, चंबा, चमियाला, पौड़ी, गोपेश्वर, मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, बागेश्वर, अल्मोड़ा, भीमताल, धारचूला, रामनगर।
विस्तृत अध्ययन बेहद जरूरी
पर्वतीय क्षेत्रों में टनल बेस्ड पार्किंग के संदर्भ में उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक व भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो एमपीएस बिष्ट का कहना है कि टनल मौजूदा वक्त की जरूरत है। इसीलिए पूरी दुनियां में इस पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन यह काम पूरे भूगर्भीय अध्ययन के बाद ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हिमायल भूकंपीय व भूगर्भीय दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है। ऐसे में हर क्षेत्र के विस्तृत अध्ययन के बाद ही इस परियोजना पर काम शुरू किया जाना चाहिए।
विभाग का कहना है
लोनिवि के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा, 'राज्य के अधिकांश बाजारों और कस्बों में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। खासकर यात्रा सीजन में यह दिक्कत बहुत बढ़ रही है। ऐसे में प्रमुख बाजारों के समीप टनल की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। ताकि इन टनल का इस्तेमाल पार्किंग के रूप में किया जा सके। टनल के लिए सुरक्षित स्थान की जरूरत होती है, ऐसे स्थानों की तलाश की जा रही है।'