राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनें, राजभवन छोड़ने से पहले इस काम को पूरा करना उनका सपना है। राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाएं मेहनती और जुझारू हैं। महिलाओं को राजभवन से जो बेहतर सहयोग किया जा सकता है उसके लिए आगे भी ठोस प्रयास किए जाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश से पलायन रोकने के लिए होम स्टे योजना को और प्रभावी बनाया जाएगा। इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा। इसके लिए वह खुद जिलों में जाएंगी। उन्होंने बताया कि क्षय रोग के प्रति राजभवन में जन जागरूकता कार्यक्रम किया गया साथ ही टीबी रोगियों को पोषक आहार वितरित कर रोगियों को पोषण के प्रति सजग किया गया। राजभवन ने पांच बच्चे गोद लिए हैं, जिनके उपचार का व्यय राजभवन वहन कर रहा है।
राज्य विश्वविद्यालयों ने दूरस्थ गांवों को गोद लिया है। नई शिक्षा नीति पर भी राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से राजभवन ने इस वर्ष और पिछले वर्ष कोरोना महामारी के दौरान राहत सामग्री व आक्सीजन कंसंट्रेटर को राज्य के जिलों को भेजा।
अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों को मॉडल गांव बनाने की योजना के तहत प्रत्येक जिले से एक गांव को गोद लिया गया है। राज्य में औषधीय पौधे जड़ी-बूटियों की पर्याप्त उपलब्धता है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इनके उत्पादन एवं वितरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कोविड की वजह से मेधावी छात्रों और शिक्षकों को गवर्नर अवार्ड से सम्मानित नहीं किया जा सका। उनका मन था कि इन्हें सम्मानित किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। यदि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई तो राज्य स्थापना दिवस पर अच्छा काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड में अनाथ बच्चों के लिए विश्वविद्यालयों में प्रत्येक विषय में सीटें आरक्षित रहेंगी। दून विश्वविद्यालय से इसकी शुरुआत कर दी गई है। यदि कोई प्रभावित बच्चा दाखिला लेना चाहता है तो इन विश्वविद्यालयों में उनके लिए निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था होगी।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन ने उत्कृृष्ट कार्य पर महिला कार्मिकों को पुरस्कृत करने की एक शुरुआत की है, जिसे लगातार जारी रखा जाएगा। उन महिला कर्मचारियों ने चाहे कोविड के दौरान राहत कार्य किए हो या अन्य इस तरह की महिलाओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों की सूची तैयार की जा रही हैं। जिन पर छापे की कार्रवाई होगी। यदि कोई केंद्र बिना रजिस्ट्रेशन के चलता मिला या मानकों की अनदेखी करता मिला तो ऐसे केंद्रों को बंद किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव बृजेश कुमार संत, अपर सचिव जितेंद्र कुमार सोनकर आदि मौजूद रहे।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक होंगे पुरस्कृत
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कोविड की वजह से मेधावी छात्रों और शिक्षकों को गवर्नर अवार्ड से सम्मानित नहीं किया जा सका। उनका मन था कि इन्हें सम्मानित किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। यदि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई तो राज्य स्थापना दिवस पर अच्छा काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।
कोविड से अनाथ बच्चों के लिए विश्वविद्यालयों में सीटें होंगी आरक्षित
राज्यपाल ने कहा कि कोविड में अनाथ बच्चों के लिए विश्वविद्यालयों में प्रत्येक विषय में सीटें आरक्षित रहेंगी। दून विश्वविद्यालय से इसकी शुरुआत कर दी गई है। यदि कोई प्रभावित बच्चा दाखिला लेना चाहता है तो इन विश्वविद्यालयों में उनके लिए निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था होगी।
महिला कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की शुरुआत की
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन ने उत्कृृष्ट कार्य पर महिला कार्मिकों को पुरस्कृत करने की एक शुरुआत की है, जिसे लगातार जारी रखा जाएगा। उन महिला कर्मचारियों ने चाहे कोविड के दौरान राहत कार्य किए हो या अन्य इस तरह की महिलाओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
मानकों की अनदेखी करने वाले नशा मुक्ति केंद्र होंगे बंद
राज्यपाल ने कहा कि देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों की सूची तैयार की जा रही हैं। जिन पर छापे की कार्रवाई होगी। यदि कोई केंद्र बिना रजिस्ट्रेशन के चलता मिला या मानकों की अनदेखी करता मिला तो ऐसे केंद्रों को बंद किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव बृजेश कुमार संत, अपर सचिव जितेंद्र कुमार सोनकर आदि मौजूद रहे।