स्कूल जाती छात्राएं |
उत्तराखंड में एक बार फिर स्कूल खोलने की कवायद शुरू होती दिख रही है। अभी तक स्कूल खुले हैं, लेकिन केवल शिक्षकों को ही आने की अनुमति है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि इस पर विचार किया जा रहा है।
जैसे-जैसे कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, उसके बाद अब स्कूलों में बच्चों को भी आने की छूट के निर्देश दिए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग इसको लेकर तैयारी कर रहा है। पहले चरण में कक्षा 6 से बड़ी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल आने की अनुमति दी जा सकती है।
उत्तराखंड: अगले महीने से छात्र-छात्राओं के लिए खुल सकते हैं कॉलेज, जल्द होगा निर्णय
हालांकि छोटी कक्षाओं को लेकर क्या होगा, इसको लेकर भी जल्द फैसला लिया जा सकता है। आपको बता दें कि तीसरी लहर में बच्चों पर कम असर की बात कहते हुए आईसीएमआर ने पहले प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह दी है।
इधर, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि लगातार स्कूल बंद हैं, इससे पढ़ाई पर बड़ा असर पड़ रहा है। अब कोरोना वायरस का संक्रमण कम होता दिख रहा है। आने वाले दिनों में स्कूलों को खोलने पर विचार किया जा सकता है।
हालांकि छोटी कक्षाओं को लेकर क्या होगा, इसको लेकर भी जल्द फैसला लिया जा सकता है। आपको बता दें कि तीसरी लहर में बच्चों पर कम असर की बात कहते हुए आईसीएमआर ने पहले प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह दी है।
इधर, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि लगातार स्कूल बंद हैं, इससे पढ़ाई पर बड़ा असर पड़ रहा है। अब कोरोना वायरस का संक्रमण कम होता दिख रहा है। आने वाले दिनों में स्कूलों को खोलने पर विचार किया जा सकता है।
ऑनलाइन क्लास से बच रहे छात्र
कोरोनाकाल में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अभी फिलहाल बिना बच्चों के स्कूलों को खोला गया है। ऐसे में ऑनलाइन क्लास से ही बच्चों को पढ़ाई से जोड़ा जा रहा है। लेकिन कुछ बच्चे ऑनलाइन क्लास में जुड़ने से बच रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि क्लास के मेधावी छात्र ही रोजना ऑनलाइन क्लास से जुड़ रहे हैं। जबकि अन्य छात्र नेटवर्क और स्मार्ट फोन न होने का हवाला देकर ऑनलाइन क्लास से बच रहे हैं। राजपुर रोड स्थित एक सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य ने बताया कि ऑनलाइन क्लास में कुछ ही छात्र जुड़ रहे हैं। जबकि अन्य छात्र उन छात्रों के काम से ही अपने स्कूल के काम को पूरा कर रहे हैं। ऐसा हाल लगभग सभी क्लास के बच्चों का है।
उधर इस ओर अभिभावक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं रायपुर के एक स्कूल के शिक्षक ने बताया कि कई बच्चे घर पर नेटवर्क और स्मार्ट फोन न होने की बात कह कर ऑनलाइन क्लास से बच रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों के लिए मुश्किल का काम हो रहा है कि वह हर एक बच्चे के अभिभावक से बात करें। शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास से बचने वाले छात्रों को परीक्षा देने में समस्या का सामना करना पड़ेगा। इस ओर अभिभावकों को भी ध्यान देना होगा।
शिक्षकों का कहना है कि क्लास के मेधावी छात्र ही रोजना ऑनलाइन क्लास से जुड़ रहे हैं। जबकि अन्य छात्र नेटवर्क और स्मार्ट फोन न होने का हवाला देकर ऑनलाइन क्लास से बच रहे हैं। राजपुर रोड स्थित एक सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य ने बताया कि ऑनलाइन क्लास में कुछ ही छात्र जुड़ रहे हैं। जबकि अन्य छात्र उन छात्रों के काम से ही अपने स्कूल के काम को पूरा कर रहे हैं। ऐसा हाल लगभग सभी क्लास के बच्चों का है।
उधर इस ओर अभिभावक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं रायपुर के एक स्कूल के शिक्षक ने बताया कि कई बच्चे घर पर नेटवर्क और स्मार्ट फोन न होने की बात कह कर ऑनलाइन क्लास से बच रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों के लिए मुश्किल का काम हो रहा है कि वह हर एक बच्चे के अभिभावक से बात करें। शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास से बचने वाले छात्रों को परीक्षा देने में समस्या का सामना करना पड़ेगा। इस ओर अभिभावकों को भी ध्यान देना होगा।