उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को शपथ ले ली। इसके साथ ही 45 वर्षीय धामी उत्तराखंड के सबसे युवा सीएम हो गए। राजभवन में पूरे समारोह के बीच राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पुष्कर सिंह धामी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, मदन कौशिक समेत, तमाम भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 5 बजकर 14 मिनट पर शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने की घोषणा हुई। इसके बाद राज्यपाल पोडियम पर पहुंचीं और उन्होंने पुष्कर सिंह धामी को शपथ दिलाई। शपथग्रहण समारोह के दौरान नारेबाजी का दौर भी खूब चला। सीएम धामी के समर्थकों ने खूब नारे लगाए।
इन्हें भी दिलाई गई शपथ
मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 11 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई। मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में सबसे पहला नाम सतपाल सिंह महाराज का रहा। इसके बाद पौड़ी से विधायक हरक सिंह रावत ने शपथ ली। मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अगले विधायक वंशीधर भगत रहे। वंशीधर भगत पांच बार मंत्री रह चुके हैं और वह छठवीं बार मंत्री बने हैं। इसके बाद यशपाल आर्य मंत्रीपद की शपथ लेने पहुंचे। यशपाल पिछली सरकार में परिवहन मंत्री थे। डिडिहार से विधायक बिशन सिंह को भी राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, मसूरी से लगातार दूसरी बाद विधायक गणेश जोशी, धनसिंह रावत, रेखा आर्या, यतीश्वरानंद ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
असंतुष्टों को मनाने में बीता दिन
बताया जाता है कि पुष्कर सिंह धामी शनिवार को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे। लेकिन उनके नाम घोषणा होने से उत्तराखंड भाजपा के कई नेता असंतुष्ट हो गए थे। इसके चलते रविवार को शपथग्रहण समारोह का आयोजन हुआ। शपथ ग्रहण समारोह से पहले पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को अपना ज्यादातर समय अपनी पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को मनाने में बिताया। भाजपा सूत्रों के अनुसार, पूर्व मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रह चुके सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत जैसे कुछ नेता पार्टी आलाकमान से शनिवार से नाराज हैं। हालांकि बाद में पार्टी की तरफ से दावा किया गया कि कोई भी नेता नाराज नहीं है।