उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के जरिए शिक्षक बनें 14 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ये सभी रुद्रप्रयाग जिले में तैनात हैं। आरोप है कि इनमें से ज्यादा लोगों के मेरठ के एक कालेज से फर्जी तरीके से बीएड की डिग्री हासिल की थी। गृह विभाग के आदेश पर एसआईटी राज्य में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जांच कर रही है। डीआईजी एनएस नपल्च्याल के पर्यवेक्षण में अपर पुलिस अधीक्षक व एसआईटी का नेतृत्व कर रहे लोकजीत सिंह के निर्देशन पर अब तक 80 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए, जिनके खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज हैं। अपर पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में ऐसे 25 शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए थे। इनमें ज्यादात्तर शिक्षकों ने मेरठ के एक कालेज से बीएड डिग्री फर्जी पाई गई। इन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए महानिदेशक (शिक्षा) को सिफारिश की गई थी। शिक्षा विभाग की तरफ से बताया गया है कि इनमें 14 के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
28919 अभिलेखों का सत्यापन बाकी
अपर पुलिस अधीक्षक सीआईडी लोकजीत सिंह ने बताया कि एसआईटी वर्ष 2012 से 16 तक नियुक्त 9602 शिक्षकों के दस्तावेजों को जांच के दायरे में लिया है। इनमें से अब तक 35,722 दस्तावेजों का परीक्षण हो चुका है, जबकि 28,919 दस्तावेज चेक किए जाने बाकी हैं।
इन शिक्षकों के खिलाफ हुई एफआईआर
कांति प्रसाद राप्रावि जैली, संगीता बिष्ट राप्रावि कैलाशनगर, मोहन लाल राप्रावि सारी, महेंद्र सिंह राप्रावि लुखंद्री, राकेश सिंह राप्रावि धारतोन्दला, माया सिंह राप्रावि जयकंडी, विरेंद्र सिंह जनता जूनियर हाईस्कूल जखन्याल, विजय सिंह राप्रावि भुनाल गांव, जगदीश लाल राप्रावि जौला, राजू लाल राप्रावि जग्गीबगवान, संग्राम सिंह राप्रावि स्यूर बरसाल, मलकराज सिंह राप्रावि जगोठ, रघुवीर सिंह जूनियर हाईस्कूल जखन्याल व महेंद्र सिंह राप्रावि रायडी सभी जिला रुद्रप्रयाग।