मुनस्यारी के माइग्रेशन गांव रालम को जोड़ने वाला पुल |
सीमांत में बारिश के बाद माइग्रेशन गांव रालम को जोड़ने वाला कठ पुल ध्वस्त हो गया है। इस पुल के ध्वस्त हो जाने से माइग्रेशन गांव के 1500 से अधिक की आबादी की दिक्कत बढ़ गई है।
क्षेत्र में 50 घंटे से अधिक समय तक बारिश के बाद रालम को जोड़ने वाला कठ पुल बह गया। इस पुल के बह जाने से उच्च हिमालयी गांव में माइग्रेशन पर गए लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। क्षेत्र में रसद व अन्य सामान की आपूर्ति के लिए यह मार्ग महत्वपूर्ण है। तहसील मुख्यालय को गांव से जोड़ने वाले प्रमुख रास्ते पर बने पुल के ध्वस्त हो जाने से गांव अलग-थलग पड़ गया है। लोग किसी तरह खतरे के बीच आवाजाही कर रहे हैं। जिससे किसी भी समय हादसा हो सकता है।
थल मुनस्यारी मार्ग में तीन दिन बाद आवाजाही शुरू
थल-मुनस्यारी सड़क में तीन दिन बाद यातायात बहाल हो गया है। इस सड़क के खुल जाने से सीमांत के 15 हजार से अधिक की आबादी ने राहत महसूस की है। हिमनगरी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले मुनस्यारी थल सड़क में तीन दिन पहले बनिक के पास यातायात ठप हो गया था। भारी भूस्खलन से यह सड़क बंद हो गई थी। जिससे इस सड़क में 30से अधिक वाहन कई जगह फंसे हुए थे।
पूर्णागिरि मार्ग लगातार 12वें दिन बंद
पूर्णागिरि मार्ग लगातार 12 दिन तक मलबा या चट्टान गिरने से बंद हुआ हो। दो सप्ताह के भीतर विभाग को बारिश ने सड़क खोलने का मौका तक नहीं दिया। जिससे पूर्णागिरि से लगे तमाम गांवों में दिक्कत पैदा हो गई है।
12 दिन पूर्व पूर्णागिरि मार्ग से लगे हनुमान चट्टी के पास मूसलाधार बारिश के कारण बड़ी चट्टान दरक गई थी। जिस कारण सड़क पर बड़े बोल्डर आ गए थे। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी की मदद से मलवा हटाना चाहा लेकिन बड़े बोल्डरों ने दिक्कत खड़ी कर दी।