नेपाल सीमा पर तैनात जवान |
उत्तराखंड में सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील नेपाल सीमा से लगे इलाके जल्द ही विद्युत प्रकाश से जगमगाएंगे। एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) ने इसकी पहल शुरू कर दी है। एसएसबी ने क्षेत्र में 35 किलोमीटर के दायरे में फैली 10 बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) को विद्युतीकृत करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बिजली विभाग ने सर्वे पूरा कर लिया है। अब एसएसबी मुख्यालय के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर बजट का आग्रह करेगा।
भारत-नेपाल सीमा: निगरानी के लिए अब नेपाल सीमा पर बढ़ाया जाएगा सुरक्षा चक्र, बनेंगी दो नई पुलिस चौकियां
काली नदी से लगी नेपाल सीमा की सुरक्षा का जिम्मा एसएसबी की बीओपी का है। लेकिन दूरदराज की कई बीओपी न केवल सड़क से कटी हैं, बल्कि इनमें बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। इनमें रात को उजाले के लिए चंद सोलर लाइटें हैं, लेकिन ये नाकाफी हैं। बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अब एसएसबी ने विद्युतीकरण का प्रस्ताव तैयार किया है। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता एसके गुप्ता ने बताया कि एसएसबी के आग्रह पर 35 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाने का सर्वे किया जा चुका है। इसके लिए 2.46 करोड़ रुपये का आंकलन दिया गया है। एसएसबी की ओर से इस रकम को जमा कराने के बाद निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
बिजली लाइन बिछाने का एसएसबी की बीओपी को तो फायदा होगा ही, क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के लोगों की रातें भी जगमग हो सकेंगी। सीमांत के इन इलाकों में बिजली नहीं होने से लोगों को एकमात्र सौर ऊर्जा का सहारा है, लेकिन अक्सर सौर ऊर्जा में आने वाली खामियों से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बिजली सुविधा से जुड़ेंगे ये दस बॉर्डर आउटपोस्ट
श्रीकुंड, कलढुंगा-एक, कलढुंगा-दो, चूका, सीम, खेत, ब्यूरी, तरकुली, आमनी, आमड़ा।
एसएसबी दूरदराज की बॉर्डर आउटपोस्ट तक आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में दस बॉर्डर आउटपोस्ट को बिजली सुविधा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए बिजली विभाग की ओर से दिए गए बजट के आंकलन को मुख्यालय के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा जाएगा।
-प्रमोद देवरानी, कमांडेंट, एसएसबी पंचम वाहिनी, चंपावत।