स्कूल जाते हुए बच्चे प्रतीकात्मक |
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर संभावनाएं जताई जा रही हैं। इस लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका है। उत्तराखंड में बच्चों के इलाज के लिए अस्पतालों में व्यापक व्यवस्थाएं एवं बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती की जा रही है। करीब 50 लाख बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने को विशेष इम्यूनिटी बूस्टर की डोज देने की योजना है। दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. एनएस खत्री कहते हैं कि अस्पताल में 200 बच्चों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है। उनके पास एचओडी डा. अशोक कुमार की अगुवाई में डेडिकेटिड बाल रोग विशेषज्ञों की टीम उपलब्ध है। वहीं बाल रोग विशेषज्ञ डा. विशाल कौशिक कहते हैं कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
पहली और दूसरी लहर में बच्चे संक्रमित तो हुए हैं, लेकिन अधिकांश बच्चे एसिम्टोमेटिक या हल्के लक्षण वाले थे। पहली लहर में प्रदेश में केवल 17 एवं दूसरी लहर में संक्रमित दोगुने होने के बाद भी केवल 12 बच्चों की मृत्यु हुई। बच्चों के संक्रमित होने को लेकर केवल आशंकाएं इसलिए जताई जा रही है कि 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है। वहीं, छोटे बच्चे मास्क एवं सोशल डिस्टेंस का ज्यादा पालन नहीं कर पातें हैं। प्रदेश में इलाज का प्रोटोकॉल बना दिया गया है। बच्चों के अभिभावकों को डरने की जरूरत नहीं हैं। एहतियात बरतकर बच्चों को कोरोना से बचाया जा सकता है। बच्चों के खानपान, हरी सब्जियां, प्रोटीन डाइट, तरल पदार्थ और बैलेंस डाइट देकर उनकी इम्युनिटी को बेहतर रखा जा सकता है। वहीं अभिभावकों को भी एहतियात बरतनी होगी। देखा गया है कि जितने भी बच्चे संक्रमित हुए वह अपने माता पिता से हुए। इसीलिए बाहर से आने पर हाथ मुंह जरूर धोएं और बच्चों के पास नहा धोकर ही जाएं।