केंद्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। सभी राज्यों को सतर्क रहने को कहा गया है। लेकिन राज्य में इसे अभी तक गंभीरता से नहीं लिया गया है। हैरानी की बात है कि कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बावजूद राज्य में कोविड टेस्टिंग में इजाफा नहीं हो रहा है। पिछले महीनों से तुलना करें तो राज्य में सैंपल जांच में भारी कमी आई है। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि मुख्य सचिव ने अगले दो महीनों को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रतिदिन चालीस हजार कोविड टेस्ट करने का लक्ष्य रखा था। अधिकारियों ने निर्देश दिए थे लेकिन इन आदेशों का अभी तक कोई असर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि चालीस हजार की बजाए इसके पचास प्रतिशत ही टेस्ट प्रतिदिन हो पा रहे हैं। सरकार तीसरी लहर की आशंका को अनसुना कर रही है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में रविवार को कोरोना के मरीजों की संख्या में खासी गिरावट दर्ज की गई है।
अल्मोड़ा, बागेश्वर जिले में एक भी नया मरीज नहीं मिला, जबकि राज्य के अन्य नौ जिलों में 20 से कम नए मरीज मिले हैं। प्रदेशभर में 24 घंटे में सिर्फ 136 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार रविवार को अल्मोड़ा, बागेश्वर में एक भी नया मरीज नहीं मिला जबकि चमोली में एक, चम्पावत में पांच, हरिद्वार में नौ, नैनीताल में तीन, पौड़ी में चार, पिथौरागढ़ में चार, रुद्रप्रयाग में दस, टिहरी तमें 14, यूएस नगर में 11 जबकि उत्तरकाशी में 22 नए मरीज मिले। देहरादून जिले में सर्वाधिक 53 नए मरीज मिले हैं। रविवार को राज्य के अस्पतालों में कुल चार मरीजों की मौत हो गई।
जबकि टिहरी जिले में पूर्व में हो चुकी पांच मौतों का डेटा देरी से स्टेट कंट्रोल रूम को भेजा गया। राज्य के अस्पतालों से रविवार को 206 मरीज इलाज के बाद डिस्चार्ज किए गए। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या तीन लाख 38 हजार, अभी तक ठीक हुए तीन लाख 22 हजार, अस्पतालों में भर्ती एक्टिव मरीजों की संख्या 3136 हो गई है। जबकि राज्य में अभी तक 7035 मरीजों की मौत हुई है। राज्य में संक्रमण की दर 6.40 प्रतिशत और मरीजों के ठीक होने की दर 95 प्रतिशत से अधिक है। राज्य में ब्लैक फंगस के कुल मरीजों की संख्या 451 हो गई है। रविवार को कुल एक मरीज की मौत हुई जबकि एक को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया।