"हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पहले सरकार एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने पर अडिग रही और फिर दस घंटें के भीतर ही बैकफुट पर आ गई। अब सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में चारधाम यात्रा स्थगित कर दी है। कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेगी।सोमवार को हाईकोर्ट ने तैयारियां पूरी न होने पर सरकार को एक जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा रोकने के आदेश दिए थे। इसकी सरकार से लेकर नौकरशाहों को तक लग गई थी, लेकिन सवा दस बजे जारी कोविड कर्फ्यू की एसओपी में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की तरफ से कहा गया कि चारधाम यात्रा पूर्व की भांति एक जुलाई से शुरू होगी।
यात्रा के पहले चरण में प्रावधान किया गया था कि चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के स्थानीय लोग जिलों में स्थित धामों के दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद दूसरे चरण में 11 जुलाई से उत्तराखंड के निवासियों के लिए यात्रा खोलने की हरी झंडी दी गई थी, लेकिन मंगलवार सुबह दस बजे ही मुख्य सचिव ने संशोधित एसओपी जारी कर हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में चारधाम यात्रा स्थगित करने का आदेश किया। आपको बता दें कि चारधाम यात्रा को रद करने के हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सोमवार को राज्य सरकार यात्रा कराने पर अड़ गई थी। सरकार की ओर से देर शाम यात्रा को लेकर एसओपी जारी कर दी है।
बदरीनाथ,केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा शुरू कराने सुप्रीम कोर्ट जाएगी उत्तराखंड सरकार,हाईकोर्ट के आदेश पर लगी थी रोक
इस संबंध में कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने साेमवार देर शाम ही कह दिया था कि हाईकोर्ट का यात्रा रद करने का आदेश अभी तक सरकार को नहीं मिला है। यदि ऐसा आदेश है तो सरकार उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। फिलहाल, यात्रा के रोक लगने से सरकार की कोशिशों को झटका जरूर लगा है।
जब तक सरकार के पास हाईकोर्ट का आदेश नहीं पहुंचा तो किस आधार पर चारधाम यात्रा को स्थगित किया था। अब जब आदेश मिला तो उसी क्रम में यात्रा स्थगित करने का फैसला लिया गया। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में विशेष रिट याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है।
सुबोध उनियाल, सरकारी प्रवक्ता"