उत्तराखंड की पहाड़ियों पर बारिश से यूपी में गंगा किनारे खतरा बढ़ा, कई इलाके खाली कराए गए

Ankit Mamgain


 उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश से यूपी में गंगा किनारे खतरा बढ़ गया है। खासकर मेरठ समेत वेस्ट यूपी के गंगा किनारे क्षेत्रों को अलर्ट किया गया है। मेरठ में हस्तिनापुर के साथ ही खादर के इलाकों को प्रशासन ने एहतियातन खाली करा लिया है। लोगों के गंगा किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है। डीएम के साथ अन्य प्रशासनिक और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर जायजा लिया। आपात स्थितियों से निपटने के लिए जनपद में एसडीआरएफ और पीएसी की बाढ़ राहत टीम को तैनात किया गया। बैराज के सभी गेट फ्री कर दिए गए हैं। काशी में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। बीते 48 घंटों में गंगा के जलस्तर में करीब डेढ़ फीट की बढ़ोतरी हुई है। गंगा के उफान के कारण नाविकों के माथे पर फिर से चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। उधर, यमुना पर भी बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं। 


शुक्रवार रात और शनिवार सुबह हरिद्वार के भीमगोडा बैराज से गंगा में 3 लाख 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। शनिवार सुबह 9 बजे 20 हजार क्यूसेक पानी और बढ़ा दिया गया। इससे गंगा किनारे के इलाकों में पानी भर गया। शुक्रवार रात बिजनौर के गंगा खादर इलाकों में पांच लोग टापू पर फंस गए, जिन्हें रात 2 बजे रेस्क्यू कर निकाला गया। बिजनौर के गंगा तट पर बसे गांव रावली रामसहाय वाला और बालावाली में बाढ़ का पानी भर गया। पुलिस ने गंगा के तटीय इलाकों में अनाउंसमेंट करते हुए लोगों को अलर्ट किया और गंगा की तरफ नहीं जाने की सलाह दी। 



 

खादर में अलर्ट, गंगा की ओर न जाने की मुनादी

गंगा के अचानक बढ़े जलस्तर से प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों में अफरातफरी मच गई है। क्षेत्र के लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। समय रहते सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दी गई है। विधायक दिनेश खटीक, डीएम के. बालाजी, एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति आदि ने खादर क्षेत्र में पहुंच कर जायजा लिया। 


कारण: उत्तराखंड में बारिश, उफान पर नदियां

अधिकारियों के अनुसार उत्तराखंड में लगातार बारिश जारी है। नदियां उफान पर हैं। इसके कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। इसका असर यूपी में भी देखा जा रहा है। मेरठ और आसपास के कई इलाकों में लगातार बारिश होने से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में किसानों की फसल को भी नुकसान हुआ है। 

    

निगरानी: हस्तिनापुर में लगाए सोलर कैमरे, मेरठ में बाढ़ नियंत्रण कक्ष

मेरठ के हस्तिनापुर गंगा क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते गांवों को खाली कराया जा रहा है। प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। एडीएम एफआर सुभाष चंद प्रजापति ने बताया कि मवाना में गंगा नदी में हरिद्वार बैराज, बिजनौर बैराज व अन्य बैराजों से काफी पानी छोड़ा गया है। कलक्ट्रेट में जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर बनाया है। मेरठ तहसील के लिए 0121-2664134 ,तहसील मवाना में 01233-274242 व कार्यालय अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड प्रथम, सिंचाई विभाग, मेरठ में 0121-2644254 पर संपर्क कर सकते हैं। 24 घंटे अब कंट्रोल रूम चालू रहेगा।


12 हजार लोगों को किया जा चुका है शिफ्ट

हस्तिनापुर में गंगा में पिछले 12 घंटे में करीब दो लाख क्यूसेक पानी आ चुका है। गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है। पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके चलते हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़ में 12 हजार लोगों को प्रशासन अब तक शिफ्ट कर चुका है। पानी तेजी से बढ़ने के कारण कटान की संभावना बन गई है।



मुजफ्फरनगर में खतरे के निशान के निकट पहुंची गंगा 

मुजफ्फरनगर में गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर खतरे के निशान के निकट पहुंच गया है बैराज के सभी 28 गेट खोल दिए गए हैं पानी तटबंध से टकराकर चल रहा है। फसले जलमग्न हो गई है। हालांकि अभी पानी किसी गांव में आबादी में नहीं घुसा है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है लोगों को रात में गंगा तट के खेतों पर नहीं जाने की सलाह दी गई है


हापुड़ में दो घंटे में 20 किलोमीटर फैल गया गंगा का पानी

हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में भी गंगा उफान पर है। शनिवार शाम छह बजे तक एक मीटर जल स्तर बढ़कर 197.500 मीटर से 198.220 तक जा पहुंचा है। गंगा खादर में गंगा पानी करीब 20 किलोमीट में फैल चुका है। फिर से गंगा अमरोहा की तरफ से 5 किलोमीटर गढ़ की तरफ को आ गई है। पुलिस-प्रशासन लाउडस्पीकर से गांवों में अलर्ट का प्रचार कर रहे हैं।


बुलंदशहर में लगातार बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर

अहार, अनूपशहर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शाम तक जलस्तर में 4 फीट की वृद्धि हुई है। गंगा के आसपास क्षेत्र में लगी पालेज जलस्तर बढ़ने से डूब गई है। डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि गंगा के आसपास के इलाके में बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।



सहारनपुर में बाढ़ से निपटने के लिए बनाई गई 25 बाढ़ चौकी 

बारिश की शुरुआत हो चुकी है। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से भी तैयारी का दावा किया जा रहा है। बाढ़ से बचाव के लिए जिले में 25 बाढ़ चौकी बनाई गई है। बाढ़ से बचाव को 25 तटबंध है जिनकी लंबाई 79 किलोमीटर है। यमुना नदी पर 13 तटबंध हैं जिनकी लंबाई 13 किलोमीटर है। बाढ़ से निपटने के लिए 25 बाढ़ चौकी एवं जिला मुख्यालय के साथ हथिनी कुंड बैराज पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से नांव व गोताखोर की भी व्यवस्था कर दी गयी है। शामली और बागपत में यमुना का जलस्तर फिलहाल सामान्य चल रहा है, जिले में 12 बाढ़ चौकियां स्थापित की गईं हैं।

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