रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। दून-दिल्ली के बीच चलने वाली जन शताब्दी और दून-कोटा के बीच चलने वाली नंदादेवी एक्सप्रेस का संचालन 14 जून सोमवार से शुरू हो जाएगा। ट्रेनों के चलने से देहरादून से दिल्ली और दिल्ली से देहरादून आने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। अभी इस रूट पर एक भी ट्रेन नहीं चल रही थी। रेलवे में दोनों ट्रेनों की ऑलाइन बुकिंग भी शुरू कर दी हैं। कोरोना संकट के चलते दून-दिल्ली के बीच चलने वाली सभी ट्रेनें एक महीने से रद थीं। अब संकट कम होने पर रेलवे ने ट्रेनों का संचालन करना शुरू दिया है। स्टेशन अधीक्षक सीताराम सोनकर ने बताया कि दून-कोटा के बीच चलने वाली नंदादेवी एक्सप्रेस देहरादून से सोमवार और कोटा से मंगलवार को चलेगी। जबकि जनशताब्दी एक्सप्रेस दून से सोमवार और दिल्ली से मंगलवार को चलेगी। बताया कि नैनी-दून जन शताब्दी का संचालन 11 जून से शुरू हो चुका है।
विश्वनाथ सेवा की भी चलेंगी बसें
देहरादून के परेड ग्राउंड से पहाड़ रूटों पर विश्वनाथ बस सेवाओं का संचालन सोमवार से शुरू हो जाएगा। विश्वनाथ सेवा के प्रभारी पंकज सिंधवाल और सुरेंद्र सकलानी ने बताया कि पहले दिन दो सेवाएं उत्तरकाशी, एक घनसाली, एक गुप्तकाशी और एक रणधार के लिए चलाई जाएंगी। इसके बाद यात्रियों की उपलब्धता के अनुसार सेवाएं बढ़ाई जाएंगी। एक सप्ताह के भीतर पहाड़ की सभी सेवाओं का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश से भी बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। निजी बसों का संचालन करीब डेढ़ महिने से ठप था।
पर्वतीय रूटों पर भी चलेंगी बसें
उत्तराखंड के पर्वतीय रूटों पर सोमवार से बसों का संचालन शुरू हो जायेगा। लगभग सभी रूटों पर बसों का संचालन होगा। खास बात यह है कि पुराने किराये पर ही यात्री बसों में सफर कर सकेंगे। अंतरराज्यीय सार्वजनिक वाहनों का संचालन 100 प्रतिशत सवारी के साथ करने की छूट मिलने के बाद परिवहन व्यवसायियों ने बसें संचालित करने का निर्णय लिया है। करीब डेढ़ माह से खड़ी पर्वतीय रूटों की बसों के पहिये सोमवार से घूमेंगे। तड़के 4 बजे से विभिन्न रूटों पर बसें संचालित होनी शुरू हो जाएंगी। दो मई से पहाड़ी रूटों पर बसों का संचालन बंद हो गया था। बसें नहीं चलने से यात्रियों को काफी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा था। अंतरराज्यीय सार्वजनिक वाहनों का संचालन 100 प्रतिशत सवारी के साथ करने की एसओपी जारी होने के बाद बस कंपनियों ने बसें चलाने का निर्णय लिया है।
ऋषिकेश से उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, श्रीनगर समेत तीन दर्जन से अधिक रूटों पर प्रतिदिन सौ से अधिक बस सेवाएं संचालित होती है। टीजीएमओसी के अध्यक्ष जितेन्द्र नेगी ने बताया कि सोमवार से पर्वतीय रूटों पर बसों का संचालन शुरू कर दिया जायेगा। पहले दिन 10 फीसदी बसों का ही संचालन किया जायेगा। सवारियां बढ़ने पर अधिक बसें चलाई जायेगी। यातायात कंपनी के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने बताया कि वाहनों का संचालन 100 प्रतिशत सवारियों के साथ करने की एसओपी जारी होने के बाद बस कंपनियों ने बसें चलाने का निर्णय लिया है। सोमवार को सुबह 4 बजे से बसों का संचालन शुरू कर दिया जायेगा।