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पिछले दिनों समुद्रतटीय राज्यों में तबाही मचाने वाले समुद्री चक्रवात ताऊते का असर खत्म होने के बाद गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। देहरादून में अधिकतम तापमान पिछले पांच दिनों से लगातार 35 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर बना हुआ है। आर्द्रता घटकर 53 फीसदी तक पहुंच गई।
दूसरी ओर मौसम विज्ञानियों ने संभावना जताई है कि अगले 24 घंटे में उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, नैनीताल और बागेश्वर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना है। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जैसे मैदानी इलाकों में चटक धूप के साथ कहीं-कहीं बादल छाए रहेंगे। इसी के तहत राज्य के अधिकतर इलाकों में आज बादल छाए रहे। देहरादून में भी सुबह बादल छाए रहे। हालांकि बाद में धूप निकल आई और मौसम साफ हो गया। वहीं नैनीताल और मसूरी में कोहरे से सुबह की शुरुआत हुई है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 24 मई को अधिकतम तापमान 37 डिग्री, 25 मई को 37.5 डिग्री, 26 मई 36 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 35.5 और न्यूनतम तापमान 21.5 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान में बढ़ोतरी से न सिर्फ गर्मी बढ़ गई है, बल्कि आर्द्रता भी घटकर आधी हो गई है।
उत्तराखंड में भी देखने को मिला था ताऊते का असर
बता दें कि समुद्री चक्रवात ताऊते का असर उत्तराखंड में भी देखने को मिला था। चक्रवात के कारण प्रदेश में भी झमाझम बारिश हुई थी और तापमान में गिरावट दर्ज हुई थी। लेकिन, इसका असर खत्म होते ही तापमान लगातार बढ़ रहा है।
सेहत के लिए ठीक नहीं है मौसम का मिजाज
चिकित्सकों का कहना है कि बढ़ता तापमान और घटती आर्द्रता सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है। कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट के अनुसार तापमान बढ़ने और वातावरण में आर्द्रता कम होने से हेपिटाइटिस, डायरिया, डेंगू, टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में शरीर में पानी की कमी किसी भी सूरत में न होने दें। खानपान का विशेष ध्यान रखें। ध्यान रहे कि पानी साफ सुथरा होना चाहिए, वरना डायरिया होने का खतरा रहेगा।