उत्तराखंड: 28 मई को होने वाली नर्सिंग भर्ती परीक्षा फिर स्थगित, अब जून में होगी

Ankit Mamgain

परीक्षा - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर
परीक्षा - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

 उत्तराखंड में नर्सिंग के 2621 पदों पर भर्ती के लिए 28 मई को होने वाली परीक्षा फिर स्थगित कर दी गई है। अब यह परीक्षा जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह में कराई जाएगी। परीक्षा का आयोजन केवल दो शहरों के बजाय सभी जिलों में कराने के लिए परिषद ने उम्मीदवारों से परीक्षा के शहरों का विकल्प मांगा है।



उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद (यूबीटीईआर) की ओर से 28 मई को स्टाफ नर्स भर्ती की परीक्षा की तिथि घोषित की गई थी, जिसके एडमिट कार्ड शुक्रवार को जारी होने थे। यह परीक्षा देहरादून और हल्द्वानी में 27 केंद्रों पर आयोजित की जानी थी लेकिन प्रवेश पत्र जारी होने से ठीक पहले कई दुश्वारियां पैदा हो गईं। चूंकि तमाम उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जो कि विभिन्न अस्पतालों में संविदा पर काम कर रहे हैं। उन्हें इस मुश्किल समय में वहां से इतनी दूर आकर परीक्षा देना मुश्किल था। लिहाजा, परिषद ने परीक्षा को तत्काल स्थगित कर दिया। 



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अब तय किया गया है कि यह परीक्षा सभी जिलों में कराई जाएगी। परीक्षा के लिए सभी उम्मीदवारों से परीक्षा शहरों की जानकारी ऑनलाइन भरने के लिए 23 मई से 28 मई तक का समय दिया गया है। वह अपने परीक्षा के लिए केंद्र का विकल्प ऑनलाइन भर सकते हैं। परिषद के संयुक्त सचिव मुकेश पांडेय ने बताया कि अब परीक्षा का आयोजन जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह में सभी जिलों में कराया जाएगा। 


बता दें कि इससे पहले यह परीक्षा 18 अप्रैल को प्रस्तावित की गई थी लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद 20 मई को ही स्वास्थ्य विभाग ने इसके आयोजन की तिथि 28 मई तय की थी। इस परीक्षा के लिए कुल 2621 पदों के लिए 9001 उम्मीदवारों ने आवेदन किया हुआ है। जिनमें उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, ओडिशा और तमिलनाडु के उम्मीदवार हैं। 

सभी जिलों में परीक्षा कराना सही फैसला : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने दो शहरों की बजाय अब सभी जिलों में नर्सिंग भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराने के शासन के कदम को सही बताया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में फैले कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूर्ववर्ती फैसला सही नहीं था। दसौनी ने कहा कि पूर्ववर्ती फैसला अव्यवहारिक था।


कांग्रेस ने सरकार के सिर्फ देहरादून और हल्द्वानी में परीक्षाओं के आयोजन पर सवाल उठाते हुए पुनर्विचार करने की मांग की थी। जिसके मद्देनजर शासन ने यह बदलाव किया है। पार्टी प्रवक्ता ने सालों से ग्रामीण अंचलों में या अन्य संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे नर्सेज को सरकार ने उनके अनुभव का और सेवा का वेटेज देने की भी मांग दोहराई है। 

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