लॉकडाउन |
Uttarakhand Lockdown Update: कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड सरकार ने राज्य में लगी पाबंदियों को 6 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. राजधानी देहरादून (Dehradun Lockdown), हरिद्वार (Haridwar Lockdown) और उधम सिंह नगर में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन (Corona Curfew) जैसी पाबंदियों को बढ़ाकर 6 मई तक के लिए कर दिया गया है. तीन जिलों के जिलाधिकारियों ने इसे बढ़ाने के आदेश दिये. अब उत्तराखंड के इन तीनों शहरों में 6 मई की सुबह 5 बजे तक कड़ी पाबंदियां लागू रहेंगी. देहरादून में 26 अप्रैल की शाम सात बजे से 3 मई की सुबह 5 बजे तक 'कोरोना कर्फ्यू' लगाया गया था जो अब 6 मई सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा
देहरादून के जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा यहां इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान जिले के नगर निगम ऋषिकेश, देहरादून एवं छावनी परिषद गढी कैंट और क्लेमेंटाउन, नगर पालिका परिषद डोइवाला, विकासनगर, मसूरी एवं हरबर्टपुर में पूर्णतः कोरोना कर्फ्यू रहेगा. आदेश के अनुसार, इस दौरान सार्वजनिक एवं निजी वाहनों की आवाजाही पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगी. इस अवधि में फल, सब्जी, डेयर तथा राशन की दुकानें दोपहर 12 बजे तक ही खुलेंगी. हालांकि, पेट्रोल पंप व गैस आपूर्ति और दवा की दुकानें पूरे समय खुलेंगी.
देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और प्रदेश की राजधानी कोविड मामलों में लगातार शीर्ष पर बनी हुई है. प्रदेश में रविवार को 5606 नए मामलों में महामारी की पुष्टि हुई जिनमें से लगभग 46 प्रतिशत यानी 2580 अकेले देहरादून जिले में ही सामने आए हैं.
उधर, उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हो रही तेजी से बढोत्तरी के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विवाह समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को 100 से घटा कर 25 कर दिया है. वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड स्थिति की समीक्षा करते हुये रावत ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को विवाह समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को सीमित कर 25 तक करने का निर्देश दिया. उन्होंने जिलाधिकारियों को जरूरत के हिसाब से बाजारों के खुलने के समय को घटाने के लिये अधिकृत किया.
रावत ने आशा कार्यकर्ताओं को इंसेंटिव के तौर पर एक हजार रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि कोविड हेल्पलाइन नंबर एवं कॉल सेंटर को पूरी तरह सक्रिय रखा जाए और बिस्तरों एवं इंजेक्शनों से संबंधित सूचना अद्यतन की जाए. रावत ने कहा कि आक्सीजन सिलेंडरों की संख्या बढाये जाने के प्रयास किये जाने चाहिये तथा एम्बुलेंस की कीमत तय की जानी चाहिये.