परीक्षा |
उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की अध्यक्षता में हुई बैठक में बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार (एमसीक्यू) पर परीक्षा कराए जाने पर विचार किया गया। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने कहा कि इससे परीक्षा का समय कम होगा। वहीं रिजल्ट भी जल्द घोषित किया जा सकेगा। परंपरागत तरीके से परीक्षा पर भी चर्चा हुआ, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका। विभागीय मंत्री ने कहा कि जल्द ही बैठक कर परीक्षा को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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सचिवालय में हुई बैठक में परंपरागत एवं एमसीक्यू दोनों आधारों पर परीक्षा कराए जाने पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में परीक्षा के लिए 1385 केंद्र बनाए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए जाने के लिए 500 परीक्षा केंद्र और बढ़ाने होंगे। बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि परीक्षा से पहले सभी शिक्षकों को कोविड वैक्सीन लगाई जा सके इसके प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग में तीस हजार शिक्षकों को अब तक वैक्सीन नहीं लगी। वैक्सीनेशन और कोविड से सुरक्षा को लेकर पूरे इंतजाम होने के बाद ही परीक्षा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
एमसीक्यू के आधार पर परीक्षा हुई तो डेढ़ घंटे का होगा पेपर
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि एमसीक्यू के आधार पर परीक्षा हुई तो तीन के बजाय डेढ़ घंटे का पेपर होगा। इसके अलावा परीक्षा के मूल्यांकन में भी समय की बचत होगी। कंप्यूटराइज्ड रिजल्ट तैयार किया जाएगा, लेकिन इस पर भी विचार किया जा रहा है कि उच्च शिक्षा के दौरान उत्तराखंड बोर्ड के छात्रों को कमतर न आंका जाए। उनका स्तर कमजोर न समझा जाए।
अगले महीने हो सकती है उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा
शिक्षा सचिव ने कहा कि प्रदेश में कोविड की स्थिति को देखते हुए परीक्षा कब होगी इस पर निर्णय लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य की राय लिए जाने के बाद ही परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जून के अंतिम सप्ताह में परीक्षा हो सकती है। कोविड की स्थिति को देखते हुए इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश में बनाए जाएंगे गृह परीक्षा केंद्र
उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के लिए सभी परीक्षा केंद्र गृह परीक्षा केंद्र होंगे। इससे छात्र-छात्राओं को दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों में परीक्षा के लिए नहीं जाना पड़ेगा। वे अपने क्षेत्र के स्कूल में परीक्षा दे सकेंगे।
बोर्ड अधिकारियों के न होने से नहीं हो पाया निर्णय
उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर विभागीय मंत्री अरविंद पांडे की अध्यक्षता में हुई बैठक में बोर्ड की सचिव के शामिल न होने से परीक्षा के संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा रामनगर बोर्ड को करानी है, एमसीक्यू के आधार पर परीक्षा हुई तो इसमें क्या कठिनाई आएंगी यह बोर्ड के अधिकारी ही बता सकते हैं।
सीबीएसई बोर्ड को जुलाई में परीक्षा न कराने को सुझाया
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीएसई को जुलाई में परीक्षाएं न कराए जाने को सुझाया गया है। बोर्ड को राज्य की ओर से बताया गया है कि जुलाई में बारिश की वजह से भूस्खलन का खतरा बना रहता है। नदियों का जल स्तर बढ़ने और भूस्खलन से बच्चों की जान माल को खतरा हो सकता है। कोविड की स्थिति को देखते हुए जून में या उसके बाद सितंबर में परीक्षाएं कराई जा सकती हैं।