ऑक्सीजन प्लांट : फोटो - प्रतीकात्मक |
कोरोना संक्रमण के आए दिन बढ़ते मामलों के बीच जिला अस्पताल उत्तरकाशी में ऑक्सीजन प्लांट का ट्रायल शुरू हो गया है। 200 एलपीएम क्षमता के इस प्लांट के शुरू होने से कोविड मरीजों के साथ गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सकेगी।
यहां पिछले साल नवंबर माह में ऑक्सीजन प्लांट चालू होना था। जिसके लिए पाइप लाइन भी बिछाई गई, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से प्लांट आवंटन में देरी होने के चलते यह शुरू नहीं हो पाया। कोरोना की दूसरी लहर में महाराष्ट्र में सर्वाधिक कोरोना मरीज सामने आने पर इसे वहां के लिए स्थानांतरित करने की बात भी सामने आई। हालांकि बाद में यहां प्लांट के लिए आवश्यक मशीनें पहुंची। सीएमओ डा.एसडी सकलानी ने बताया कि इंजीनियरों ने ऑक्सीजन प्लांट की मशीनों को फिट कर ट्रायल शुरू कर दिया है। दो से तीन दिन यह ट्रायल पर रहेगा। ऑक्सीजन प्लांट के ट्रायल के दौरान इसके 94 प्रतिशत क्षमता से ऊपर संचालन के साथ सप्लाई के दौरान पूरी लाइन की जांच की जाएगी। जिसमें लीकेज न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। सीएमओ डा.सकलानी ने बताया कि लीकेज हुई तो ऑक्सीजन की हानि होगी। इसके मध्येनजर ट्रायल जरूरी है। बताया कि कोई खामी मिली तो इंजीनियरों की मदद से उसे सही कराया जाएगा।
कोरोना मरीजों के लिए 500 एलपीएम की है मांग
जिला अस्पताल उत्तरकाशी में वर्तमान समय में कोविड मरीजों के लिए 500 लीटर प्रतिमिनट ऑक्सीजन की मांग है। ऐसे में 200 एलपीएम क्षमता का प्लांट शुरू होता है तो अस्पताल को कुछ राहत मिलेगी। अभी जिला अस्पताल वेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। हालांकि कोरोना संकट टलने पर अधिकारी 200 एलपीएम क्षमता के प्लांट को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए पर्याप्त बता रहे हैं।
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