Doodh Peene ke Fayde : दूध हमारी डाइट का अहम हिस्सा है। छोटे हों या बड़े-सभी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के समुचित विकास में दूध का महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वॉटर-फैट सॉल्युएबल विटामिन, कैल्शियम, फास्फोरस जैसे मिनरल्स मिलते हैं जो हमारी बॉडी के लिए जरूरी होते हैं।
वैज्ञानिकों ने पौष्टिक तत्वों से भरपूर दूध को कंप्लीट डाइट माना है।
हो सकती हैं बीमारियां
जिन बच्चों को दूध नहीं मिल पाता वे आमतौर पर हाइपो-कैल्सीमिया या कैल्शियम की कमी से जूझते हैं।
आगे जाकर डेंटल प्रॉब्लम, ब्रेन डेवलेपमेंट में कमी, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टोपूनिया, ऑस्टोमलेशिया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। उन्हें मसल्स प्रॉब्लम, कमजोरी, थकावट, लेथार्जिकनेस, एक्जिमा, डिप्रेशन जैसी प्रॉब्लम हो सकती हैं।
कई तरह से है फायदेमंद
छोटे हों या बड़े, दूध सभी के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के समुचित विकास और कई बीमारियों से बचाने में योगदान देता है। 18 साल की उम्र तक के सभी लोगों के लिए दूध की ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि इस उम्र तक शारीरिक और मानसिक विकास पूरा होता है।
उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के लिए दिन में तकरीबन आधा लीटर दूध पीना जरूरी है। महिलाओं में होने वाले पीरियड्स और उसमें होने वाली परेशानियों को कम करने में दूध सहायक होता है। दूध महिलाओं को मां बनने के लिए अंदरूनी मजबूती प्रदान करता है।
मेनोपॉज की स्टेज पर पहुंची महिलाओं की हड्डियों से कैल्शियम के क्षरण और ऑस्टियोपोरोसिस होने के खतरे से भी बचाता है। 60 साल से बड़े लोगों को अकसर कब्ज या डाइजेशन संबंधी समस्याएं होती हैं, रात को सोने से पहले गर्म दूध पीना उनके लिए लाभदायक रहता है।
गर्म दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है। खासकर बदलते मौसम में हल्दी मिला दूध का सेवन कई बीमारियों से बचाता है।
दूध में मौजूद सोडियम और पोटेशियम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं। शरीर को डिहाइड्रेट होने से भी बचाता है। राइबोफ्लेविन का महत्वपूर्ण सोर्स होने के कारण दूध कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को तोड़ कर शरीर को एनर्जी प्रदान करने में मदद करता है।
पानी में घुलनशील होने के कारण राइबोफ्लेविन शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई करता है, जिससे वे सक्रिय रहते हैं। दिन भर एनर्जी पाने के लिए ब्रेकफास्ट में दूध का सेवन फायदेमंद है। जबकि वर्कलोड या किसी भी वजह से तनावग्रस्त होने पर अनिद्रा से परेशान हों तो रात को सोने से पहले गर्म दूध पीना फायदेमंद है। दूध में मौजूद विटामिन डी सेरोटोनिन हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे मसल्स रिलेक्स होती हैं, थकान मिटती है, तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है।
दूध में मौजूद विटामिन डी, शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में मदद करता है जो हड्डियों, दांतों और बालों के विकास, स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। कैल्शियम सिर्फ कम उम्र के बच्चों के विकास में ही मदद नहीं करता, बल्कि बड़ी उम्र में होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टोपीनिया, ऑस्टोमलेशिया और आर्थराइटिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
कैल्शियम, लैक्टोज और विटामिन डी से भरपूर दूध कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। दूध का नियमित सेवन कोलोरेक्टल और डिंबग्रंथि कैंसर को रोकने में मदद करता है।
दूध संयुग्मित लिनोलिक एसिड और ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा सोर्स है, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल एचडीएल को मेंटेन करके हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।
दूध में मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है और कार्डियोवेस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करता है। नायसिन, विटामिन बी 3 और बी12 हमारे नर्वस सिस्टम और डीएनए के ब्लड वैसल्स के लचीलेपन को मेंटेन करता है, जिससे हाइपरटेंशन कंट्रोल में रहता है।
दूध में प्रोटीन के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, अमीनो एसिड और फास्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को एंजाइम बनाने, मसल्स के निर्माण, डैमेज सेल्स को रिपेयर करने और स्किन के टिश्यूज को विकसित करने में मदद करते हैं। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड, डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद करता है और स्किन को मुलायम बनाता है।
दूध का नियमित सेवन स्किन को सॉफ्ट बनाने में मददगार होता है। साथ ही कच्चा दूध या मलाई ड्राई स्किन पर फेस मास्क की तरह लगाकर धोने से स्किन मुलायम होती है।
आहार विशेषज्ञ मानते हैं कि दूध कंप्लीट फूड है, इसलिए उसमें कोई सप्लीमेंट मिलाने की जरूरत नहीं होती। लेकिन कुछ कंडीशन हैं, जिसमें सप्लीमेंट्स मिलाए जा सकते हैं जैसे-कोई बीमारी हो, कुपोषण का शिकार हो, खाना ठीक से न खाता हो, दाल-सब्जी न खाता हो।
बीमारी या सर्जरी के बाद हाई एनर्जेटिक फूड की आपूर्ति के लिए दूध में सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह पर मिला सकते हैं।
पूरे दिन में 2 साल तक के बच्चों को डेढ़ से दो लीटर दूध दे सकते हैं। आहार लेना शुरू करने पर 5 साल तक के बच्चों को तकरीबन 1 लीटर दूध पीना चाहिए। 5-18 साल तक के किशोर 750 मिलीलीटर दूध ले सकते हैं। 18 से बड़ी उम्र के लोग दिन में आधा लीटर दूध या दूध से बने प्रोडक्ट ले सकते हैं।