ऑक्सीजन - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर |
ड्राईवरों की सूची तैयार की है, जिनमें से 70 ड्राईवरों ने जरूरत पड़ने पर टैंकर चलाने की सहमति प्रदान कर दी है। अब इन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मारामारी के बीच सरकार ने बाकायदा ऑक्सीजन सप्लाई के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए थे। परिवहन सचिव के माध्यम से परिवहन विभाग के कर्मचारियों को ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगाया गया।
इस बीच परिवहन मंत्रालय ने निर्देश दिए कि ड्राईवरों का बैकअप प्लान तैयार किया जाए। आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि ऐसे 166 ड्राईवरों की सूची तैयार की गई जो कि हैवी वाहन चलाने में सक्षम हैं।
उन्होंने बताया कि सोमवार को इन सभी से संपर्क किया गया। इनमें से 70 ड्राईवरों ने बताया कि वह पूरी तरह से इमरजेंसी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। अब आरटीओ की ओर से इन सभी ड्राईवरों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि वह ऑक्सीजन टैंकरों का संचालन कर सकें।
कई राज्यों से हो रही ऑक्सीजन की सप्लाई
देश के कई राज्यों से उत्तराखंड में ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। केंद्र के माध्यम से लगातार ऑक्सीजन आ रही है। यह ऑक्सीजन के टैंकर प्रदेश के सभी जिलों में पहुंचाए जा रहे हैं। ऐसे में लगातार ड्राईवरों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा भी मंडरा रहा है। उधर, प्रदेश सरकार ने अभी तक गढ़वाल और कुमाऊं में करीब 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को इमरजेंसी के लिए रिजर्व कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने 180 ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स के वाहन को रवाना किया
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को बीजापुर अतिथि गृह में प्रदेश के चिकित्सालयों के उपयोग के लिए 180 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स हंस फाउंडेशन ने भेंट किए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी का सामना करने के लिए सभी का सहयोग मिल रहा है। सभी के सहयोग से हम इस महामारी को रोकने में अवश्य सफल होंगे। प्रदेश के सभी अस्पतालों में आक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
हंस फाउंडेशन के उपलब्ध कराए गए 180 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स से भी पीड़ितों की बड़ी मदद होगी। इन कंसेंट्रेटर्स को उन पर्वतीय जिलों को भेजा जाएगा जहां इनकी आवश्यकता है। उन्होंने हंस फाउंडेशन सहयोग और प्रयासों की भी सराहना की। इस अवसर पर हंस फाउंडेशन के विकास एवं योगेश सहित अन्य लोग उपस्थित थे। Source