ऑक्सीजन |
हरिद्वार जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट अचानक फेल होने से यहां भर्ती आठ संदिग्ध कोरोना मरीजों की सांसें चार घंटे तक अटकी रहीं। प्लांट फेल होने की सूचना से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन सात मरीजों को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया जबकि एक मरीज ने बाबा बर्फानी कोविड अस्पताल जाने से इनकार कर दिया। गनीमत की बात यह है कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है।
रुड़की के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से पिछले दिनों पांच कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया था। इससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी हुई थी। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच भी शुरू की गई है। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि रविवार रात हरिद्वार के जिला अस्पताल में भी ऑक्सीजन प्लांट अचानक फेल हो गया। ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने से यहां भर्ती आठ संदिग्ध कोरोना मरीजों की सांसें उखड़ने लगीं। दम घुटने पर मरीजों ने फोन से परिजनों को सूचना दी। सूचना पर अस्पताल में हड़कंप मच गया। ड्यूटी पर तैनात डॉ. चंदन मिश्रा ने स्टाफ की मदद से आठ मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था की।
साथ ही सीएमओ डॉ. एसके झा को जानकारी दी गई। डीएम सी रविशंकर के निर्देश पर मरीजों को बाबा बर्फानी कोविड हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की योजना बनाई गई। ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस के जरिये चार मरीजों को बाबा बर्फानी अस्पताल ले जाया गया। एक मरीज को परिजन भूमानंद हॉस्पिटल ले गए। दो अन्य मरीजों को भी परिजन अपनी सुविधा अनुसार अन्य अस्पताल लेकर गए। एक मरीज ने बाबा बर्फानी अस्पताल जाने से इनकार कर दिया। मरीज ने लिखकर दिया है कि भले ही प्राण चले जाएं, लेकिन वह बाबा बर्फानी नहीं जाएगा। मरीज जिला अस्पताल में ही रहा। सोमवार को अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट फिर से सुचारु हो गया।
रविवार को अचानक से ऑक्सीजन प्लांट फेल हो गया। ऑक्सीजन बेड पर भर्ती आठ संदिग्ध कोरोना मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने पर तत्काल सिलिंडर से बैकअप दिया गया। सभी मरीज सुरक्षित हैं और अन्य अस्पतालों में उपचार करवा रहे हैं। अस्पताल में प्लांट से ऑक्सीजन का उत्पादन दोबारा शुरू हो गया है।
-डा. चंदन मिश्रा, कार्यवाहक चिकित्साधीक्षक, जिला अस्पताल