ऑक्सीजन की उपलब्धता एक मोबाइल एप के माध्यम से पता चल सकेगी |
अब केंद्र या राज्य के स्तर से जिलों को मिलने वाली ऑक्सीजन की उपलब्धता एक मोबाइल एप के माध्यम से पता चल सकेगी। इसके लिए राज्य सरकार के स्तर से एक एप तैयार किया जा रहा है। इस एप के लिए शासन ने सभी जिलों से डाटा मांगा है।.
नोडल अधिकारी डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र भेजा। इसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश स्तर पर ऑक्सीजन का उत्पादन होने के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से भी निर्धारित कोटा के तहत ऑक्सीजन दी जा रही है।
लिहाजा, इस पूरी ऑक्सीजन को ट्रैक में रखने के लिए ही यह एप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी जिलों से डाक या ई-मेल के माध्यम से डाटा मांगा गया है। इसमें उन्हें बताया है कि उनके जिले में कुल कितनी ऑक्सीजन आई। टैंकर के माध्यम से और सिलिंडर के माध्यम से कितनी आई।
किस अस्पताल में ऑक्सीजन की कितनी डिमांड है और कितनी ऑक्सीजन पहले से उपलब्ध है। इसी प्रकार, सिलिंडर रिफिल करने की क्या क्षमता है और कितने सिलिंडर उपलब्ध हैं। उन्होंने जल्द से जल्द यह डाटा मुख्य विकास अधिकारियों से मांगा है।
आयुष्मान योजना में कोविड मरीजों को प्लाज्मा उपचार भी शामिल
वहीं राज्य अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड पर कोरोना मरीजों का अब प्लाज्मा उपचार भी शामिल किया गया है। शुक्रवार को इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी ने सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं। मरीजों को प्लाज्मा देने की दरें तय कर इसका भुगतान आयुष्मान योजना में किया जाएगा।
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड धारक कोविड मरीजों को सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में निर्धारित दरों पर चिकित्सा सुविधा की अनुमति दी गई थी। इसका भुगतान निजी अस्पतालों को योजना के माध्यम से किया जा रहा है।
वर्तमान में कोविड मरीजों को प्लाज्मा देने को भी आयुष्मान योजना में शामिल किया गया है। सचिव ने सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्लाज्मा देने की दरें निर्धारित किया जाएगा। जिसका भुगतान आयुष्मान योजना में किया जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए गोल्डन कार्ड धारक कोविड मरीजों को सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाए।