होम आइसोलेशन |
उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की सुविधा के लिए मेडिकल काउंसलर को तैनात करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने इसके आदेश किए हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए हर काउंसलर के पास 50 लोगों की जिम्मेदारी रहेगी।
उत्तराखंड: हरिद्वार के निजी अस्पताल ने छिपाई जानकारी, 19 दिन बाद हुआ 65 मरीजों की मौत का खुलासा
आइसोलेशन की अवधि दस दिन की होगी
कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने पर नोडल अधिकारी इसकी जानकारी हर दिन डीएम को देंगे और डीएम इनके लिए काउंसलर नियुक्त करेंगे। बताया गया कि इन काउंसलरों को टेलीफोन खर्च के लिए हर माह अतिरिक्त एक हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा आइसोलेशन की अवधि दस दिन की होगी।
ब्लैक फंगस: देहरादून में चार मरीज आए सामने, सरकार ने रोकथाम के लिए मांगे सुझाव
मेडिकल सलाह के अनुसार, दवा और इलाज की व्यवस्था करना जिलास्तरीय कोविड कंट्रोल सेंटर की जिम्मेदारी होगी। जहां जरूरी हो मरीजों को एंबुलेंस से कोविड सेंटरों में भर्ती कराया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई
काउंसलरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। मेडिकल विवि के कुलपति, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और आईडीएसपी के हेड डॉ. पंकज सिंह इस कमेटी में शामिल किए गए हैं।
जिलों में एलोपैथिक, आयुष और दंत चिकित्सक, फार्मासिस्ट, नर्सिंग स्टाफ, राजकीय मेडिकल कॉलेजों में आयुष एवं एलोपैथिक में पीजी कोर्स के स्कॉलर्स, रिटायर और निजी क्षेत्रों में स्वास्थ्य से जुड़े काम करने वाले स्टाफ को काउंसलर की जिम्मेदारी मिलेगी।
दूरभाष या वीडियो कॉल कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेंगे काउंसलर
काउंसलर संक्रमितों से दूरभाष या वीडियो कॉल कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेंगे। सेहत में गिरावट की स्थिति में कोविड केयर सेंटर और ग्राम स्तरीय कोविड निगरानी समिति को जानकारी देंगे।