प्रतीकात्मक तस्वीर |
उत्तराखंड में 21 दिनों के बाद कोरोना मरीजों की मौत की संख्या सौ से कम रही है। वहीं, संक्रमितों से ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। 24 घंटे के भीतर 79 कोरोना मरीजों की मौत और 4785 संक्रमित मिले हैं। वहीं, 7019 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इसी के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 295790 हो गई है। जबकि सक्रिय मामले 76232 पहुंच गई है।
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स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मंगलवार को 33215 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 13 जिलों में 4785 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। देहरादून जिले में 1226 कोरोना मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 555, पौड़ी में 509, नैनीताल में 442, ऊधमसिंह नगर में 372, टिहरी में 348, अल्मोड़ा में 320, रुद्रप्रयाग में 241, चमोली में 195, उत्तरकाशी में 174, बागेश्वर में 161, चंपावत में 124, पिथौरागढ़ जिले में 118 संक्रमित मिले हैं।
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बता दें कि 27 अप्रैल को प्रदेश में 96 मरीजों ने दम तोड़ा था। इसके बाद प्रदेश में प्रतिदिन सौ से अधिक मरीजों की मौत हो रही थी। 24 घंटे में 79 मरीजों की मौत हुई है। जिसमें सबसे अधिक दून मेडिकल कॉलेज में 17, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 11 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा है। अब तक 5132 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 7019 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिलाकर 209196 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश की रिकवरी दर 70.72 प्रतिशत और संक्रमण दर 6.83 प्रतिशत दर्ज की गई है।
कोरोना से जान गंवाने वालों में 51 फीसदी अकेले देहरादून जिले से
प्रदेश में कोरोना मरीजों की मौतें नहीं थम रही हैं। एक अप्रैल के बाद मृत्यु दर का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। अब तक प्रदेश में हुईं कुल संक्रमितों की मौतों में से 51 प्रतिशत मौतें अकेले देहरादून जिले में हुई हैं। प्रदेश में कुल मौतों में दो तिहाई मौतें 47 दिनों के भीतर हुई हैं। जबकि बीते एक साल में मरने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 1717 थी।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला बीते साल 15 मार्च को मिला था। तक से लेकर 31 मार्च 2021 तक प्रदेश में 1717 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मामले बढ़ने के साथ ही मृत्यु दर में तेजी आई है। एक अप्रैल से 17 मई तक प्रदेश में 3317 मरीजों ने दम तोड़ा है।
प्रदेश में मरीजों की मौत का आंकड़ा पांच हजार पार कर चुका है। अब तक कुल मौतों में से अकेले देहरादून जिले में 51 प्रतिशत (2571) मौतें हुई हैं। जबकि पर्वतीय जिलों में 689 मरीजों की मौतें हुई है, जो 14 प्रतिशत है। पर्वतीय जिलों में पौड़ी जिले में सबसे अधिक 228 मौतें हुई हैं।
सोशल डवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग को मृत्यु दर को कम करने के लिए रणनीति बना कर काम करना होगा। प्रदेश में चार मैदानी जिलों में औसतन दो तिहाई सैंपल जांच की जा रही है। जिससे संक्रमण दर गिरा है। लेकिन पहाड़ों में हालात चिंताजनक हैं।