प्रतीकात्मक तस्वीर |
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण अन्य कई राज्यों की तुलना में अधिक घातक साबित हो रहा है। हाल यह है कि कोरोना के कारण प्रदेश में मृत्यु दर अन्य हिमालयी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। अन्य सभी राज्यों में मृत्यु दर के मामले में राज्य नौवें नंबर पर है।
पिछले कुछ समय से प्रदेश में कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या लगातार अधिक बनी हुई है। कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर राज्य सरकार की ओर से गठित की गई विशेषज्ञ समिति तक कह रही है कि नए संक्रमण के कारण 50 से कम उम्र के लोगों में मृत्यु दर अधिक है।
अब कम्यूनिटी फॉर सोशल डेवलपमेंट के आकलन से सामने आया है कि हिमालयी राज्यों में सबसे अधिक मृत्यु दर उत्तराखंड में ही है। उत्तराखंड में प्रति लाख मरने वालों की संख्या करीब 37 हैं। उत्तरप्रदेश में यह दर मात्र आठ और हिमाचल में 26 है।
स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक सोमवार को करीब 26562 टेस्ट किए गए और इसमें भी 5541 संक्रमण के मामले सामने आए। इस हिसाब से प्रदेश में संक्रमण की दर करीब 21 प्रतिशत है, जो अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। चार मई से लेकर आठ मई तक प्रदेश में 30 हजार से अधिक टेस्ट हुए लेकिन पिछले दो दिन में 30 हजार से कम टेस्ट हो रहे हैं।
यह है स्थिति
राज्य मृत्यु प्रति लाख
उत्तराखंड 37
हिमाचल 28
सिक्किम 28
मनीपुर 18
त्रिपुरा 11
मेघालय 08
नागालैंड 07
अरुणांचल 04
मिजोरम 02
स्रोत - कम्यूनिटी फॉर सोशल डेवलपमेंट
प्रदेश सरकार को किसी भी सूरत में जांच कम नहीं करनी चाहिए। सोमवार को राहत की एक बात यह भी रही कि प्रदेश में 4887 लोग रिकवर भी हुए। इस आंकड़े को बनाकर रखना चाहिए। मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रदेश सरकार को हर संभव कोशिश करनी चाहिए।
-अनूप नौटियाल, संस्थापक, कम्यूनिटी फॉर सोशल डेवलपमेंट
यह पाया गया है कि प्रदेश में कोविड के कारण मरने वालों में कई रोगी अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के अंदर काल का ग्रास बन रहे हैं। यह माना जा रहा है कि लोग देर से उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इसी को देखते हुए तय किया गया है कि हर जांच कराने वाले को दवा की किट दी जाए।
- ओम प्रकाश, मुख्य सचिव,उत्तराखंड