सेना ने तैयार किया कोविड अस्पताल |
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ की सेना छावनी में सेना का 50 बेड का कोविड अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। सेना की 9 स्वतंत्र पर्वतीय ब्रिगेड ग्रुप की ओर से सेना अस्पताल में अलग से कोविड अस्पताल स्थापित कर दिया गया है। इस अस्पताल में सेना के जवानों के साथ ही नगर क्षेत्र के सभी कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा।
पहाड़ों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसको देखते हुए भारतीय सेना ने पहल कर कोविड अस्पताल की सौगात दी है। जोशीमठ में भारतीय सेना की ओर से सेना परिसर में ही कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है।
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चमोली जिले के किसी भी क्षेत्र में यदि किसी भी कोरोना मरीज को गंभीर हालत में यहां रेफर किया जाता है तो उसे इलाज मिल सकेगा। अस्पताल में सेना के विशेषज्ञ चिकित्सकों की विशेष टीम तैनात की गई है।
सेना के डिप्टी कमांडर कर्नल प्रदीप कुमार बेहरा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना टेस्ट करने के बाद यदि मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली तो उसके बाद उन्हें होम आइसोलेशन में रहना है। यदि इस दौरान मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो उस स्थिति में वे सेना के कोविड अस्पताल में भर्ती होकर स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं।
कुछ मिनटों में फुल हो रहा पंजीकरण
चमोली जनपद में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन के लिए मारामारी मची हुई है। दिनभर मोबाइल फोन पर चिपके रहने के बावजूद भी कई लोगों को निराशा ही हाथ लग रही है। चंद मिनटों में ही फोन की स्क्रीन पर टीकाकरण रजिस्ट्रेशन की बुकिंग फुल दिखाई दे रही है।
जिले में गोपेश्वर, जोशीमठ, देवाल, कर्णप्रयाग, गौचर, पोखरी, घाट क्षेत्र में वैक्सीनेशन के केंद्र स्थापित किए गए हैं। वैक्सीनेशन पंजीकरण का समय अपराह्न तीन बजे रखा गया है, जबकि लोग ढाई बजे से ही बुकिंग के लिए मोबाइल फोन से चिपके हुए हैं, बावजूद इसके बुकिंग नहीं हो पा रहा है।
कोविन की साइट खुलते ही स्क्रीन पर बुकिंग फुल दिख रही है। बाल भवन के निदेशक विनोद रावत का कहना है कि वे लगातार पिछले तीन दिनों से मोबाइल फोन से कोरोना टीकाकरण के पंजीकरण की प्रक्रिया में लगे हुए हैं, लेकिन अभी हर बार साइट खोलते ही बुकिंग फुल दिख रही है। जोशीमठ के संजय का कहना है कि पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद जटिल है। आधा दिन रजिस्ट्रेशन में निकल रहा, इसके बावजूद भी सफलता नहीं मिल रही है।