कोरोना वायरस की जांच - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर |
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 4496 संक्रमित मरीज सामने आए और 188 मरीजों ने दम तोड़ा है। वहीं, 5034 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। कुल संक्रमितों की संख्या 287286 हो गई है। जबकि सक्रिय मामले 78802 पहुंच गए हैं।
उत्तराखंड में कोरोना: गांवों में तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण, लगातार बन रहे कंटेनमेंट जोन
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रविवार को 29797 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में 1248 कोरोना मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 572 , ऊधमसिंह नगर 393, नैनीताल में 117, टिहरी में 498, पौड़ी में 391, रुदप्रयाग में 356, अल्मोड़ा में 65, उत्तरकाशी में 351, पिथौरागढ़ में 100, चमोली में 211, चंपावत में 41, बागेश्वर जिले में 153 संक्रमित मिले हैं।
ऋषिकेश: घाटों पर गंगा में गिर रहे कोरोना संक्रमित शवों के अवशेष, बहाई जा रही अधजली राख,
वहीं, अब तक प्रदेश में 4811 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। 5034 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिला कर 198530 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश की रिकवरी दर 69.11 प्रतिशत और सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर 6.74 प्रतिशत दर्ज की गई है।
संक्रमण में मैदानों को पीछे छोड़ रहे पर्वतीय जिले
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पर्वतीय जिले संक्रमण के मामले में मैदानों को पीछे छोड़ रहे हैं। रविवार को नैनीताल और ऊधमसिंह नगर से ज्यादा संक्रमित टिहरी जिले में मिले हैं। वहीं, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में नैनीताल से ज्यादा संक्रमित सामने आए हैं।
प्रदेेश में भले ही कोरोना संक्रमित मामलों में थोड़ी कमी आई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पहले जहां पर संक्रमण से चार मैदानी जिले देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले सबसे प्रभावित थे।
वहीं कोरोना की दूसरी लहर में गांवों में संक्रमण बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में हरिद्वार जिले में 117, ऊधमसिंह नगर जिले में 393 संक्रमित मिले हैं। जबकि टिहरी जिले में संक्रमितों की संख्या 498 रही। इसी तरह उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में नैनीताल से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आए हैं।
स्लॉट बुक कराने के बाद भी नहीं पहुंचेे युवा
हरिद्वार में कोरोना संक्रमण काल से निपटने के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में एक तरफ जहां स्लॉट बुक कराने को लेकर मारामारी है। वहीं दूसरी तरफ स्लॉट बुक कराने के बाद भी कुछ लोग टीका लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं।
जिले में 161 कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बने हैं। इनमें 143 सेंटर सामान्य लोगों के लिए हैं। 18 सेंटर 18 से 44 की उम्र के लोगों के लिए हैं। 143 सेंटरों में वैक्सीन खत्म हो गई है, लेकिन युवाओं के सेंटरों में टीकाकरण चल रहा है। टीकाकरण के लिए युवाओं को पहले स्वास्थ्य विभाग की साइट पर स्लॉट बुक कराना होता है। इसके बाद केंद्र पर टीकाकरण कराने जाने पड़ता है। टीकाकरण कराने के लिए युवाओं में काफी उत्साह है। इससे स्लॉट खुलते ही बुक हो रहे हैं।
इससे स्लॉट बुक कराने के लिए मारामारी मची हुई है। काफी लोग स्लॉट बुक नहीं होने से निराश हैं। वहीं कई युवा लापरवाही भी बरत रहे हैं। स्लॉट बुक कराने के बाद भी केंद्रों पर टीकाकरण के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। लालढांग केंद्र में सौ लोगों ने स्लॉट बुक कराया था, लेकिन वहां 65 लोग ही टीकाकरण कराने के लिए पहुंचे।