शिकार करने गए चार दोस्तों की मौत |
उत्तराखंड के टिहरी में शिकार की तलाश में जंगल गए सात दोस्तों में से चार युवकों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पैर फिसलने से शिकारी की भरी बंदूक का ट्रिगर दबने से गोली ठीक पीछे चल रहे एक युवक की छाती में जा लगी और घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई। अचानक हुई घटना से अन्य सभी युवक डर गए। तीन युवकों ने आनन-फानन में निकटवर्ती छानी में जाकर जहर खा लिया।
वहीं, आरोपी बंदूक समेत फरार हो गया है। हालांकि दो युवक सकुशल गांव पहुंचे और घटना की सूचना दी। सूचना पर परिजन और ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे, तो वहां देखकर उनके होश उड़ गए। घटना के बाद कुंडी गांव में कोहराम मचा हुआ है।
भिलंगना ब्लॉक के कुंडी गांव के छह युवकों को निकटवर्ती खवाड़ा गांव निवासी उनके दोस्त राजीव उर्फ रजी (22) पुत्र प्रताप सिंह का शनिवार रात करीब आठ बजे फोन आया कि जंगल शिकार करने चलते हैं। इसके बाद संतोष (19) पुत्र दिलीप सिंह, सोबन सिंह (21) पुत्र केशर सिंह, पंकज सिंह (22) पुत्र अब्बल सिंह, अर्जुन सिंह (20) पुत्र नैन सिंह, राहुल (20) पुत्र मोहन सिंह और सुमित (18) पुत्र कुंदन सिंह सभी निवासी ग्राम कुंडी तहसील बालगंगा शिकार करने के लिए गांव से ऊपर जंगल की ओर निकल पड़े।
गांव जाओ हम लोग घटना से शर्मिंदा है और जहर खा रहे हैं। सोबन, पंकज और अर्जुन ने कीटनाशक गटका और रजी ने कहा कि मैं ऊपर अपनी छानी में खाऊंगा और वहां से फरार हो गया। जबकि राहुल और सुमित गांव लौट गए। बताया जा रहा है कि मृतक तीनों युवकों ने जहर खाने से पहले सूचना घर वालों को भी दे दी थी। रविवार तड़के चार बजे के करीब तीनों के परिजन व अन्य लोग घटना स्थल पर पहुंचे और उन्हें सीएचसी बेलेश्वर ले गए। जहां डॉक्टरों ने पंकज और अर्जुन को मृत घोषित कर दिया, जबकि सोबन की भी कुछ देर बाद इलाज के दौरान मौत हो गई।
सीएचसी बेलेश्वर के चिकित्साधिकारी डा. श्याम विजय ने बताया कि प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तीनों युवकों ने जहर खाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। घटना स्थल पर पहुंचे एसडीएम फिंचाराम चौहान ने बताया कि संतोष की मौत गोली लगने से हुई, जबकि तीन अन्य युवकों ने जहर खाया। चारों मृतकों के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल बौराड़ी भेजा है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा। अभी तक मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है। राजस्व पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। बंदूक किसकी थी इस बारे में अभी कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। इन सातों दोस्तों ने गत वर्ष इंटर कॉलेज विनयखाल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
घटना के बाद से गांव में एक भी परिवार का चूल्हा नहीं जला। गांव के प्रधान कुलदीप पंवार ने बताया कि घटना में उनका छोटा भाई सोबन सिंह भी असमय उन्हें छोड़कर चला गया है। मृतक संतोष तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उसके पिता दिलीप सिंह विदेश में नौकरी करते हैं। वहीं पंकज भी तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उसके माता-पिता गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं। मृतक अर्जुन की दो बड़ी बहनें हैं और एक छोटा भाई है। माता-पिता किसानी करते हैं। चारों 12वीं की परीक्षा के बाद कोविड-19 के चलते गांव में ही रह रहे थे। राजीव उर्फ रजी उनका दोस्त था। यह घटना अचानक हुई या इसमें कोई साजिश है अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
शिकार करने गए युवक किसकी बंदूक ले गए थे यह भी अभी रहस्य ही बना हुआ है। परिजनों की सहमति के बिना युवक रात को शिकार करने कैसे चले गए। आधी रात बीतने के बावजूद जब युवक घर नहीं लौटे तो परिजन और ग्रामीणों ने उनकी खोजबीन क्यों नहीं की ये सब सवाल लोगों की जुबां पर तैर रहे हैं। राजस्व पुलिस के पास भी संदिग्ध मौत के मामले में घर लौटे दो युवकों के बयान के अलावा कोई पुख्ता सबूत नहीं है। घटना के बारे में अभी तक तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अब शिकारी राजीव उर्फ रजी के सामने आने के बाद ही खुलासा हो सकता है।
जंगल में शिकार करने के दौरान एक युवक की बंदूक की गोली लगने से संदिग्ध मौत के मामले में राजस्व पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। कुंडी गांव निवासी मृतक संतोष के चाचा बलवीर सिंह की ओर से रविवार देर रात को राजस्व पुलिस चौकी डलगांव को तहरीर सौंपी गई। तहरीर में उन्होंने बताया कि उनका भतीजा शनिवार रात को खवाड़ा गांव निवासी राजीव के साथ जंगल में गया हुआ था। जंगल में संतोष मृत मिला। जबकि घटना के बाद राजीव फरार हो गया है। राजस्व उपनिरीक्षक मनोहर नेगी ने बताया कि तहरीर के आधार पर राजीव उर्फ रजी के खिलाफ 304 ए, 306 और 201 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।