प्रतीकात्मक |
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, 'युवा मेडिकल छात्रों के स्वास्थ्य व उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नीट पीजी परीक्षा टालने का फैसला किया गया है।'
सीबीएसई समेत विभिन्न बोर्डों की परीक्षाएं, यूनिवर्सिटी एग्जाम्स व प्रवेश परीक्षाएं टलने के बाद नीट पीजी को भी स्थगित करने की मांग की जा रही थी। डॉक्टरों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नीट पीजी परीक्षा को स्थगित करने की मांग भी की थी। याचिका में कहा गया है कि नीट पीजी देने वाले सैंकड़ों परीक्षार्थी इन दिनों कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इन्हें परीक्षा देने के लिए एग्जाम सेंटर बुलाने से हजारों लोगों की जान को खतरा पैदा होगा। याचिका में केंद्र सरकार के सीबीएसई 10वीं परीक्षा रद्द करने और 12वीं की परीक्षा स्थगित करने के फैसले का हवाला दिया गया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि पहले नीजी पीजी परीक्षा जनवरी 2021 में होनी थी लेकिन कोविड-19 की स्थिति के चलते इसे टाल दिया गया था। लेकिन तब की स्थिति आज की स्थति से काफी बेहतर थी। तब अपेक्षाकृत कोरोना संक्रमण के कम मामले आ रहे थे।
कोरोना के बीच नीट पीजी परीक्षा कराने पर स्टालिन ने उठाया था सवाल
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने सवाल उठाया था कि क्या यह नीट पीजी परीक्षा के लिये सही समय है। तमिलनाडु विधानसभा में नेता विपक्ष स्टालिन ने कहा, “कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण अब सीबीएसई परीक्षाएं रद्द हो गई हैं। नए मामलों और मरने वालों की संख्या में वृद्धि के साथ जब हमारे चिकित्सक इस चुनौती से जूझ रहे हैं तो क्या यह स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के वास्ते राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के लिये सही समय है।”