हेली सेवा |
आगामी चारधाम यात्रा के लिए केदारनाथ हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग शनिवार से शुरू हो गई है। पहले दिन ही 690 लोगों ने आनलाइन टिकटों की बुकिंग की है। बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक लंबे समय केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे थे।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने शनिवार से केदारनाथ हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है। 17 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि प्रस्तावित है। इस बार यूकाडा ने समय पर ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग शुरू कर दी है। दूसरे राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्री हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। पहले दिन की बुकिंग पोर्टल खुलते ही 690 लोग ने बुकिंग की है।
नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि शनिवार से केदारनाथ हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है। पहले ही दिन बुकिंग को लेकर काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। आनलाइन से 70 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग की जाएगी। जबकि 30 प्रतिशत टिकटों की ऑफ लाइन बुकिंग की जाएगी। कोविड महामारी के चलते हेली सेवाओं के लिए पिछले साल जारी एसओपी की लागू रहेगी।
ये रहेगा किराया
स्थान किराया (एक तरफा)
गुप्तकाशी 3875 रुपये
फाटा 2360 रुपये
सिरसी 2340 रुपये
5000 यात्री रुक पाएंगे केदारनाथ धाम में
केदारनाथ में इस बार पांच हजार श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास के इंतजाम किए जाएंगे। इसके लिए वहां मौजूद आवासीय भवन, हट्स को तैयार करने के साथ ही चिह्नित स्थानों पर टेंट कॉलोनी भी स्थापित की जाएगी।
17 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। डीएम मनुज गोयल ने जलसंस्थान, ऊर्जा निगम, बीएसएनएल और अन्य निजी संचार कंपनियों को एक पखवाड़े के भीतर पैदल मार्ग से धाम तक बिजली, पानी और संचार सेवा की बहाली के निर्देश दिए हैं। डीएम ने बताया कि कपाटोद्घाटन के दिन से केदारनाथ में 5000 श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की जाएगी।
इसके लिए तीर्थ पुरोहितों के आवासीय भवनों के साथ ही जीएमवीएन की हट्स व कॉटेज मौजूद हैं, जिनमें मई पहले सप्ताह तक सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। यात्रियों के भोजन व प्रवास व्यवस्था की जिम्मेदारी इस बार भी गढ़वाल मंडल विकास निगम को सौंपी गई है। साथ ही पड़ावों पर भीमबली, लिनचोली में भी निगम द्वारा यात्रियों के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।
वहीं मंदिर के पीछे आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के साथ ही तीर्थ पुरोहितों के भवन, घाट निर्माण, आस्था पथ की फिनिशिंग सहित अन्य कार्य शुरू कर दिए गए हैं। डीएम ने बताया कि प्रत्येक सप्ताह पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट मांगी जाएगी।