हेलीकॉप्टर |
महाकुंभ मेले के दौरान कुंभनगरी की सतरंगी छटा के नजारे अब आसमान से भी देखने को मिलेंगे। इसके लिए एक से 30 अप्रैल तक हेली सर्विस शुरू की जा रही है। कांगड़ी में हेलीपैड से हेलीकॉप्टर उड़ेगा और यहीं पर उतरेगा। यह हेली सर्विस इमरजेंसी के दौरान भी पूरी तरह से तैयार रहेगी।
महाकुंभ मेले को लेकर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई है। इसके लिए प्रभु हेली सर्विस को इसकी जिम्मेदारी दी गई। कंपनी के ऑपरेशन मैनेजर मोहित नेहरा ने बताया कि आठ से 10 मिनट की एक राइड होगी। जिसमें हरकी पैड़ी, मनसा देवी, चंडी देवी, ओम पुल, शिवमूर्ति क्षेत्र का नजारा दिखाएगी।
राइड शुरू करने के लिए कांगड़ी स्थित हेलीपैड पर जाना होगा। इसके साथ ही कुंभ के दौरान कोई भी आपातकालीन स्थिति आती है तो तुरंत ही मरीज को दिल्ली, ऋषिकेश या देहरादून के अस्पताल में भिजवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति का किराया 4130 रुपये है। टिकट कांगड़ी में हेलीपैड पर भी मिलेंगे।
हरिद्वार आ रहे हैं तो यहां करें पंजीकरण
हरिद्वार महाकुंभ में आने के लिए श्रद्धालुओं को www.haridwarkkumbhmela2021.com, www.haridwarkumbhpolice2021.com पर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए अपनी पूरी जानकारी के साथ 72 घंटे पहले तक की कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और फिटनेस प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा। पंजीकरण की रिसीप्ट मोबाइल में या इसका प्रिंट दिखाने के बाद ही श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा।
कुंभ में 15 सौ स्वयंसेवी संभालेंगे यातायात व्यवस्था: विकल
महाकुंभ में यातायात की व्यवस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 1500 स्वयंसेवक अपना सहयोग देंगे। इस व्यवस्था में सात से 15 अप्रैल तक पूरे प्रदेश के स्वयंसेवी सहभागी बनेंगे। स्थानीय स्वयंसेवी खान-पान की व्यवस्था संभालेंगे। रुड़की आनंद स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में आयोजित पत्रकार वार्ता में संघ प्रचारक उत्तराखंड नरेश कुमार विकल ने बताया कि हरिद्वार में शुरू हो रहे महाकुंभ में यातायात व्यवस्था संभालने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 1500 स्वयंसेवी गणवेश में तैनात होंगे।
इससे पूर्व पुलिस अधिकारियों की ओर से सभी स्वयंसेवियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुंभ में पुलिस की ओर से 16 सेक्टरों में 16 प्रमुख बनाए गए हैं। साथ ही 46 प्वाइंटों पर 10 स्वयंसेवक हर समय मौजूद रहेंगे। दिन और रात की दो शिफ्टें होंगी। इसमें 700 स्वयंसेवी ऐसे हैं जो कि 24 घंटे व्यवस्था में उपस्थित रहेंगे। 800 स्वयंसेवी दिन और कुछ रात में सेवाएं देंगे। स्वयंसेवियों के ठहरने के लिए जिले में तीन बेस कैंप आनंद स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर रुड़की, बीएचएल सरस्वती विद्या मंदिर और हरिद्वार के मायापुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में बनाए गए हैं।