उत्तराखंड : सावधान! रेल यात्रियों के जरिए देहरादून में तेजी से पहुंच रहा कोरोना, एक दिन में मिले 29 संक्रमित

Ankit Mamgain

देहरादून रेलवे स्टेशन
देहरादून रेलवे स्टेशन

 सरकार, शासन, जिला प्रशासन, स्वास्थ विभाग के साथ ही राजधानी देहरादून के आम शहरियों के लिए यह खबर हैरान करने वाली है। देश के विभिन्न राज्यों में तेजी से फैल रहा कोरोना रेल यात्रियों के जरिए राजधानी दून में भी पहुंच रहा है। रेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से रेलवे स्टेशन पर कोरोना को लेकर की गई जांच में एक ही दिन में 29 यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। 


बता दें कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जांच के लिए शासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीमें तैनात की गई हैं, जो महाराष्ट्र, गुजरात, छतीसगढ़, पंजाब, केरल, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों की जांच कर रही हैं। टीम द्वारा किए गए एंटीजन टेस्ट में गुरुवार को 29 यात्रियों में कोरोना की पुष्टि हुई। 


कोरोना जांच में जुटी निजी कंपनी के नोडल अधिकारी सूरत पुरोहित ने बताया कि जिन 29 यात्रियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है उसमें से ज्यादातर यात्री जनता एक्सप्रेस और नंदा देवी एक्सप्रेस से आए थे। उनके नाम पते दर्ज करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को मुहैया करा दिए गए हैं। 

चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोना संक्रमित यात्री अस्पतालों में जाने के बजाय निजी गाड़ियों के अलावा ऑटो, विक्रम जैसे सार्वजनिक वाहनों से अपने-अपने घरों को चले गए। इससे राजधानी के विभिन्न इलाकों में कोरोना के तेजी से फैलने का खतरा खड़ा हो गया है।


पिछले साल जब कोरोना संक्रमण तेजी से फैला और कई रेल यात्रियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो ऐसे रेलयात्रियों को स्वास्थ विभाग की टीमें रेलवे स्टेशन से ही सीधे एंबुलेंस में बैठा कर दून अस्पताल समेत तमाम सरकारी अस्पतालों में भर्ती करा रही थीं। जहां मरीजों का इलाज किया गया, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया जा रहा है, जो चौंकाने वाला पहलू है।


रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की रेंडम जांच में जिस तरीके से एक ही दिन में 29 यात्रियों में कोरोना की पुष्टि हुई है और सभी यात्री अस्पतालों में जाने के बजाय सीधे घरों को निकल गए।


अगर यही स्थिति रही और जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसी ही घोर लापरवाही बरती गई तो राजधानी दून में बड़े पैमाने पर संक्रमण फैल जाएगा। इससे निपटना आसान नहीं होगा। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।


अब होम आइसोलेशन की व्यवस्था लागू है। केवल उन्हीं लोगों को अस्पताल या कोविड केयर सेंटर भेजा जा रहा है, जिनका स्वास्थ्य खराब है। अन्य लोग अपने घरों पर आइसोलेट हो सकते हैं। अगर किसी के घर में अलग रहने की व्यवस्था नहीं है, तो वह भी अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में रह सकते हैं। 

- डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी

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