उत्तराखंड के 8 जिलों के 106 इलाकों में पूर्ण लॉकडाउन, अब सावधानी ही बचाव…देहरादून महामारी

Ankit Mamgain


 फिर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कोशिशें कर रही हैं। हर जगह डर का माहौल है। कुछ लोग की नियमों की अनदेखी के चलते कोरोना लगातार अपने पैर पसारता जा रहा है। बीते रोज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश के बाद शासन की ओर से कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं। नई गाइडलाइन के अनुसार राज्य सरकार के अग्रिम आदेशों तक उत्तराखंड के समस्त सरकारी शिक्षण बंद रहेंगे। साथ शहरी क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले जरूरी और आवश्यक सेवा प्रदाता व्यापारिक प्रतिष्ठानों को छोड़ते हुए अन्य सभी संस्थान प्रत्येक दिन दोपहर 2 बजे से बंद किए जाएंगे। राज्य में प्रत्येक रविवार को पूर्णतया कर्फ्यू रहेगा। साथ ही सप्ताह के अन्य 6 दिनों में शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान व्यक्तियों को आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस कोरोना काल में जनजीवन अस्त-व्यस्त होना शुरू हो गया है। उत्तराखंड में भी संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है।


संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही संबंधित इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है। इस वक्त प्रदेश के 8 जिलों में 106 इलाके सील हैं। देहरादून जिले में कुल 47 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां शहर में दीपनगर, गायत्री विहार, सुमनपुरी, दून स्कूल, द्वारकापुरी, रेसकोर्स, फॉरेस्ट कॉलेज, खुड़बुड़ा मोहल्ला, वेल्हम गर्ल्स स्कूल और तिब्बतन होम्स बिल्डिंग समेत 40 इलाके सील हैं। विकासनगर में होप टाउन गर्ल्स स्कूल और ग्राम शंकरपुर समेत 5 कंटेनमेंट जोन हैं। ऋषिकेश में न्यू जाटव बस्ती, मसूरी में तिब्बतन होम्स बिल्डिंग और डोईवाला में वार्ड नंबर-13 कंटेनमेंट जोन है। हरिद्वार के रुड़की में आईआईटी रुड़की कैंपस के 4 क्षेत्रों और पतंजलि योगपीठ समेत 7 इलाके सील हैं। लक्सर में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और ग्राम गोरधनपुर सील हैं। नैनीताल में 35 कंटेनमेंट जोन हैं। हल्द्वानी में बदरीपुरा, हरिपुर, देव विहार, नीलकंठ कॉलोनी समेत 35 इलाके कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। नैनीताल में जवाहर नवोदय विद्यालय, आर्यभट्ट वेधशाला और कुमाऊं विश्वविद्यालय के हॉस्टल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। रामनगर में पंपापुरी और लालकुआं में ग्राम हरिपुर कंटेनमेंट जोन है।


पौड़ी के श्रीनगर में होटल चंद्रलोक, स्वर्ग आश्रम और परमार्थ निकेतन कंटेनमेंट जोन हैं। उत्तरकाशी के भटवाड़ी में ग्राम बाड़ाहाट और ज्ञानसू सील है। यहां डुंडा में भी दो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। इस तरह उत्तरकाशी में कुल 5 कंटेनमेंट जोन हैं। ऊधमसिंहनगर के किच्छा में वार्ड नंबर-1 सील है। चंपावत में 5 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां टनकपुर में ग्राम बोड़ाघाट और रोडवेज कॉलोनी सील हैं। लोहाघाट में भी 2 इलाके सील हैं। चमोली में कुसरानी बिछली सील है। इस तरह 8 जिलों में 106 इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं। प्रशासन के अगले आदेश तक यहां रहने वाले लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकलेंगे। कोरोना मरीजों में जिस प्रकार रोजाना वृद्धि हो रही है, उससे निपटने के लिए शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं, किंतु यह अभियान तभी सफल हो पाएगा, जब इसमें अधिक से अधिक जनसहभागिता मिलेगी। यानि कि आम जन अपनी-अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण करते हुए कोरोना गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करें तो स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ऐसे में प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक को चाहिए कि दो गज दूरी, मास्क है जरूरी के फार्मूले को अपनाने में कोई लापरवाही न बरते।

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