मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत |
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण-गैरसैंण में आज बृहस्पतिवार को प्रदेश सरकार की ओर से करीब 59 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किए जाने का अनुमान है। सरकार पर्यटन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सेवा क्षेत्र पर फोकस कर सकती है। चुनावी वर्ष होने के कारण बजट के इस बार लोक लुभावन होने के भी आसार हैं। सरकार रोजगार के मोर्चे पर मनरेगा जैसी योजनाओं का सहारा भी ले सकती है।
प्रदेश सरकार की ओर से इस बार करीब 13 हजार करोड़ रुपये का योजना बजट लाने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो कोरोना के कारण उपजी स्थितियों को देखते हुए सरकार की ओर से इस बार बजट में हर वर्ग को किसी न किसी रूप में राहत देने की कोशिश की जा सकती है। योजना आकार बढ़ाकर सरकार ने इसका संकेत भी दिया है। इसी के साथ सरकार पर रोजगार के अवसर बढ़ाने का भी दबाव है। इसके लिए सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अन्य रोजगारपरक योजनाओं का दायरा बढ़ा सकती है।
परंपरागत बजट से करना होगा किनारा
प्रदेश सरकार अभी तक राजस्व सरप्लस और कर रहित बजट लाती रही है। इस बार सरकार के सामने इस तरह का परंपरागत बजट लाना खासी चुनौती भरा होगा। प्रदेश की विकास दर शून्य से नीचे रहने का ही अनुमान है। ऐसे में राजस्व घाटे के बजट की अधिक संभावना है। इतना जरूर है कि सरकार चुनावी वर्ष होने के कारण अतिरिक्त कर से भी बचने की कोशिश करेगी।
जीडीपी का आकार घटने की आशंका
कोरोना काल से पहले प्रदेश की जीडीपी करीब 2.56 लाख करोड़ रुपये थी। इस समय विकास दर शून्य से नीचे है तो जीडीपी का आकार भी 2.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है।
राजकोषीय घाटा बढ़ेगा, फिर भी सरकार राहत में
राजकोषीय घाटे का बढ़ना हर हाल में तय है। अभी तक सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी की तुलना में तीन प्रतिशत तक रखने में सफल रही है। अब केंद्र की ओर से राजकोषीय घाटे को नौ प्रतिशत के अंदर रखने की रियायत दी गई है। इसके बावजूद सरकार को राजकोषीय घाटे को कम से कम रखने के लिए योजना बनानी होगी।
राज्य की अर्थव्यवस्था में इनका है योगदान
विनिर्माण-37.52 प्रतिशत
निर्माण-7.95 प्रतिशत
व्यापार होटल एवं जलपान गृह-14.96 प्रतिशत
परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण-6.02 प्रतिशत
प्रति व्यक्ति आय में भी आएगी कमी
कोरोना के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था के कारण प्रति व्यक्ति आय में कमी का भी अनुमान है। पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय करीब 1.82 रुपये थी, अब यह इससे कम हो सकती है।
प्रदेश का बजट आम आदमी सहित अन्य सभी वर्गों के लिए राहत देने वाला होगा। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश का तेजी से विकास हो और हर वर्ग को किसी न किसी रूप में राहत मिले।
-त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
आम आदमी की अपेक्षाओं पर यह बजट पूरी तरह से खरा उतरेगा। यह बजट आम आदमी, महिला, किसान, मध्यम वर्ग सहित अन्य सभी वर्गों के लिए है।
- मदन कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री, उत्तराखंड
प्रदेश को इस समय सबसे ज्यादा जरूरत अपनी शुरू की गई योजनाओं को आगे बढ़ाने की है। जो फैसले कोरोना काल में किए गए हैं, उनको अमली जामा पहनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि प्रदेश का राजकोषीय घाटा कितना है और आगे क्या स्थिति है।
-इंदु कुमार पांडे, अध्यक्ष पंचम वित्त आयोग