सहकारी बैंक भर्ती में आरोपियों का बच पाना होगा मुश्किल, एसआईटी जांच के आदेश - HARIDWAR NEWS

जिला सहकारी बैंक हरिद्वार में हुई भर्ती की अब एसआईटी जांच होगी। विभागीय जांच में गड़बड़ियों की पहले ही पुष्टि हो गई है।

INVESTIGATION
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जिला सहकारी बैंक हरिद्वार में हुई भर्ती की अब एसआईटी जांच होगी। विभागीय जांच में गड़बड़ियों की पहले ही पुष्टि हो गई है। अब विस्तृत जांच को लेकर एसआईटी गठित किए जाने को गृह विभाग को पत्र लिखा जाएगा। इसके लिए सहकारिता मंत्री ने एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। हरिद्वार जिला सहकारी बैंक में चार साल पहले चतुर्थ श्रेणी और गार्ड के पदों के लिए भर्ती हुई थी। इस भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमिततता की शिकायतें मिली। चयन समिति पर सवाल उठ रहे हैं। सबसे अधिक सवाल 979 लोगों को इंटरव्यू में शून्य अंक दिए जाने पर उठ रहे हैं।  इंटरव्यू में अधिकतम नौ अंक और न्यूनतम तीन अंक दिए जाने प्राविधान है। इससे कम और ज्यादा पर समिति को तर्क देने पड़ते हैं। इस मामले में जमकर मनमानी हुई।


पूर्व में उपनिबंधक कुमाऊं नीरज बेलवाल भी जांच में गड़बड़ियों की पुष्टि कर चुके हैं। अब मामला प्रकाश में आने के बाद गहन जांच पड़ताल होगी। इसके लिए बाकायदा एसआईटी जांच होगी। पहले विभागीय जांच समिति की रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है।  इस मामले में गड़बड़ी लोगों के प्रमाण पत्र में भी है। खासतौर पर खेल से जुड़े प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। स्कूल के प्रमाण पत्र किसी और स्कूल के और खेल के प्रमाण पत्र दूसरे स्थान के मिले। इसके साथ ही कई पदों के लिए अनिवार्य टंकण परीक्षा भी नहीं कराई गई। बस सिर्फ कंप्यूटर प्रमाणपत्र के आधार पर ही अंक प्रदान करके योग्य अभ्यर्थियों को मौका तक नहीं मिला। अब इन तमाम गड़बड़ियों की पड़ताल एसआईटी जांच में ही होगी।


कई समितियों की भी चल रही एसआईटी

सहकारिता में हरिद्वार के भीतर ही कई समितियों की भी जांच पड़ताल चल रही है। कहीं गबन के मामले, तो फर्जी लूट दिखाकर बैंकों को नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में कई निलंबित भी हुए। ऐसी समितियों के एसआईटी जांच भी रही है।


दो पूर्व एमडी की जांच भी उपाध्यक्ष के पास डंप

राज्य सहकारी बैंक के दो पूर्व एमडी की गड़बड़ियों की भी जांच चल रही है। पूर्व की जांचों में गड़बड़ी को लेकर हुई जांच में पुष्टि हो चुकी है। अब कार्रवाई से पहले बैंक उपाध्यक्ष को अंतिम जांच का जिम्मा दिया गया है। ताकि कार्रवाई से पहले सभी प्रकार की पड़ताल हो सके। उपाध्यक्ष को दस दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी थी, जो चार महीने बाद भी अधूरी है।

एक सप्ताह में देना है जवाब: बैंक भर्ती घपले में आरोपी अफसरों को एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करना है। इसके साथ ही चार साल पहले भर्ती हुए कर्मचारियों को भी नोटिस का जवाब देना है।


ऐसे ही विवादों के कारण स्थगित हुई भर्ती:कॉपरेटिव बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर पूरे राज्य में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। हरिद्वार से ही गड़बड़ी की शिकायतें आईं। राज्य मंत्री यतिश्वरानंद और विधायक सुरेश राठौर ने सवाल उठाते हुए सीधे सीएम को लिखित शिकायत की। इसके तत्काल बाद भर्ती स्थगित की गई।


इस तरह की गड़बड़ी कॉपरेटिव में बर्दाश्त नहीं होगी। पूरी प्रक्रिया की जांच के आदेश दे दिए हैं। एसआईटी जांच भी होगी। विभागीय जांच के बिंदुओं के आधार पर भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

धन सिंह रावत, सहकारिता मंत्री

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