उत्तराखंड हाईकोर्ट |
प्रदेश में ढाई हजार पदों पर स्टाफ नर्सों की भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। सोमवार को हाईकोर्ट ने मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के साथ ही सचिव स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य निदेशक को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन होगी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
मामले में संगीता सिंह तथा 29 अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि सरकार ने नौ फरवरी 2021 को 2500 पदों पर स्टाफ नर्सों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की। इस भर्ती में बीएससी की डिग्री, नर्सिंग व डिप्लोमा जेएनएम को शामिल किया गया।
यह भी कहा गया कि स्टाफ नर्सों की नियुक्ति में दोनों की एक ही परीक्षा आयोजित होगी। इसके तहत मेरिट के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से इस भर्ती प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि डिग्री और डिप्लोमा दोनों की एक ही परीक्षा आयोजित करना तथा नियुक्ति उसके आधार पर करना गलत है। कहा गया कि बीएससी नर्सिंग की डिग्री वाले अभ्यर्थी डिप्लोमा वालों को पढ़ाते हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से परीक्षा में इस व्यवस्था को खत्म करने के साथ वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सरकार तथा स्वास्थ्य सचिव व स्वास्थ्य निदेशक से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।