उत्तरकाशी के मानपुर गांव में मौनपालन के बी बाक्स की जांच करते विशेषज्ञ। |
भटवाड़ी ब्लाक का मानपुर गांव मौनपालन के मॉडल गांव के रुप में विकसित होगा। जिला प्रशासन ने गांव में मौनपालन के प्रति ग्रामीणों के रुझान व अच्छी संभावनाओं को देखते हुए इसे मौनपालन के मॉडल गांव के रुप में विकसित करने का निर्णय लिया है। जिसमें यहां उत्पादित शहद को ‘मानपुर-हनी विलेज’ नाम से नई पहचान देने की योजना भी शामिल है।
बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम के वैकल्पिक मार्ग पर स्थित मानपुर गांव में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत ग्रामीणों को कृषि सह व्यवसायों से जोड़ा गया है। जिसके तहत कुल 261 परिवारों में से 92 परिवारों मौनपालन गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। गांव के शूरवीर सिंह भंडारी ने बताया कि वह 1972 से मौनपालन का कार्य कर रहे हैं। उनके बाद कई अन्य लोगों ने भी मौनपालन का काम शुरू किया। वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने गांव का भ्रमण कर गांव में मौनपालन की संभावनाओं को देखते हुए इसे अब मौनपालन में जिले के मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की योजना तैयार करने की बात कही। इसके तहत गांव के शेष सभी परिवारों को भी मौनपालन से जोड़कर ‘मानपुर हनी विलेज‘ के नाम से यहां तैयार शहद को बाजार के साथ राज्य व देश में भी नई पहचान देने की योजना तैयार की गई है।
हिलांस ब्रांड के जरिये गांव में उत्पादित शहद की ब्रिकी ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से करने की योजना है। इससे उत्पादकों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिलेेंगे। यहां उत्पादित शहद को मानपुर-हनी विलेज नाम से नई पहचान भी मिलेगी।
कपिल उपाध्याय, प्रभागीय परियोजना प्रबंधक, ग्राम्य विकास समिति।