उत्तराखंड: रुड़की में चल रहा हनीट्रैप का गंदा खेल, जाल में ऐसे फंस रहे बुजुर्ग और युवा

Ankit Mamgain

- फोटो : सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सांकेतिक तस्वीर

 शिक्षानगरी रुड़की के बुजुर्गो और युवाओं को एक नया गिरोह अपने जाल में फंसा कर ब्लैकमेल कर रहा है। आप भी किसी अनजान महिला से फेसबुक पर बात कर रहे हैं और बातचीत के दौरान वह आपको आपत्तिजनक हालत में वीडियो कॉल पर बातचीत करने को कह रही है तो सावधान हो जाइए।



दरअसल, महिलाओं का यह गिरोह बुजुर्गों और युवाओं को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है। इसके बाद मीठी-मीठी बातें कर दोस्ती करता है और व्हॉट्सएप नंबर भी ले लेता है। इसके बाद फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करता है।



वीडियो कॉल के जरिये गिरोह की महिला या युवती आपत्तिजनक हालत में बातचीत करने के लिए कहती है। बातचीत के दौरान ये वीडियो बना लेती हैं और फिर वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग करती हैं। वीडियो वायरल होने के डर से इनके जाल में फंसने वाले अपनी मेहनत की रकम गंवा रहे हैं। आए दिन ऐसे मामले पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे अधिक शिकायतकर्ता बुजुर्ग और युवा हैं।


एक साल में आ चुके करीब 20 मामले

हनीट्रैप में फंसाकर ठगने के कई मामले आ चुके हैं। पिछले एक साल में पुलिस के पास करीब 20 से अधिक ऐसे मामले आ चुके हैं। खुद को विदेशी मूल की युवती बताकर ठगों ने फेसबुक पर इनसे दोस्ती की थी। इसके बाद कई लोगों ने बदनामी के डर से रुपये इनके खाते में डलवा दिए थे तो कई ने पुलिस से शिकायत की।  

ऐसे फंसा रहे जाल में 

गिरोह सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को जाल में फंसाता है। ये जरूरी नहीं कि सामने जो लड़की बातें कर रही है, वह वास्तव में लड़की ही हो। कई बार पुरुष एजेंट महिला बन कर बातें करते हैं। गिरोह की लड़कियां फर्जी आईडी पर लिए गए मोबाइल नंबरों से बातचीत और व्हॉट्सएप चैटिंग करती हैं।


इस दौरान लोगों की अंतरंग तस्वीरें, बेहद निजी राज आदि जान लिए जाते हैं। फिर ब्लैकमेल करने में उनका इस्तेमाल किया जाता है। कई मामलों में हनीट्रैप में फंसाने के लिए लड़की खुद को विदेशी मूल का बताकर दोस्ती करती है। 


हनीट्रैप से ऐसे बचें

- अनजान लोगों से सोशल मीडिया पर दोस्ती करने से बचें।

- सोशल मीडिया पर किसी से निजी सूचना, फोटो, वीडियो साझा न करें।

- कितना भी गहरा दोस्त क्यों न हो, उससे अपनी अंतरंग फोटो साझा न करें। 

- कुछ भी संदिग्ध होने पर पुलिस को सूचना दें। 

- ऐसे मामलों में पुलिस आपकी सूचना और पहचान सार्वजनिक किए बिना जांच करेगी। 


ऐसे सभी मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। पुलिस और साइबर टीम शिकायत पर जांच कर रही हैं। लोगों को ऐसे मामलों में सतर्कता बरतना जरूरी है। सतर्कता से ही ऐसे मामलों से बचा जा सकता है।

-प्रमेंद्र डोबाल, एसपी देहात

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