पूर्व पालिकाध्यक्ष जयेंद्री राणा |
उत्तरकाशी: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मदनपाल की अदालत ने बुधवार को पूर्व पालिकाध्यक्ष जयेंद्री राणा और अवर अभियंता शालिनी भदोरिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। दोनों को न्यायिक हिरासत में टिहरी जेल भेज दिया गया। इन पर नगर पालिका बाड़ाहाट (उत्तरकाशी) में सरकारी धन का गबन और सरकारी भूमि खुर्दबुर्द करने के आरोप में कोतवाली उत्तरकाशी में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में बीती 9 जुलाई 2020 को उत्तरकाशी पुलिस ने नगर पालिका के ईओ को गिरफ्तार किया था, जिसे न्यायिक हिरासत में टिहरी जेल भेजा गया था।
नगर पालिका बाड़ाहाट ने बिना बोर्ड बैठक 11 मार्च 2016 को सब्जी मंडी के पास दुकान निर्माण के लिए लॉटरी निकाली। इसमें करीब 42 दुकानें आवंटित की गई और व्यापारियों से दुकान निर्माण के लिए 34.50 लाख रुपये धनराशि ली। लेकिन, इसके बाद दुकानें नहीं बनाई गई। इसी दौरान नगर पालिका ने मानकों को ताक पर रखते हुए एक ठेकेदार को 12 लाख में सब्जी मंडी के पास नाली निर्माण का ठेका दिया और उसे आठ लाख रुपये का अग्रिम भुगतान भी कर दिया। फरवरी 2018 में पालिका ने बिना बोर्ड बैठक सब्जी व्यापारियों से मिलकर सितंबर 2017 से फरवरी 2018 का किराया जमा कराया। गड़बड़ी मिलने पर प्रशासन के आदेश पर ईओ सुशील कुमार कुरील ने तत्कालीन पालिकाध्यक्ष जयेंद्री राणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मामले में पूर्व पालिकाध्यक्ष जयेंद्री राणा ने हाईकोर्ट से उसी दौरान स्टे लिया। 18 मई 2020 को पूर्व पालिकाध्यक्ष, ईओ, अवर अभियंता के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की, जिसके बाद न्यायालय में कार्रवाई आगे बढ़ी। पुलिस की विवेचना में पालिकाध्यक्ष के साथ आहरण-वितरण में ईओ सुशील कुमार कुरील और शालिनी भदोरिया की भूमिका सामने आई। इस मामले में आरोपितों को न्यायालय से समन जारी हुए। बुधवार को पालिकाध्यक्ष और अवर अभियंता ने आत्मसमर्पण किया तथा जमानत याचिका दाखिल की। सरकार की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी हरीश चंद्र जोशी ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मदनपाल की अदालत ने पालिकाध्यक्ष व अवर अभियंता की जमानत याचिका खारिज कर दी है।