College |
उत्तराखंड में कोरोना लॉकडाउन के बाद से कॉलेज-विश्वविद्यालयों पर लगी सभी बंदिशें हट गई हैं। सरकार ने एक मार्च से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों को पूर्व की भांति खोलने का आदेश जारी कर दिया है। बुधवार को प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन ने इसका शासनादेश जारी कर दिया। इसके तहत कोविड से बचाव के सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
Government notice |
कोरोना लॉकडाउन के चलते सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया था। इन सभी जगहों पर पढ़ने वाले छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही थी। 15 दिसंबर को सरकार ने आदेश जारी किया था कि प्रथम और अंतिम सेमेस्टर के वह सभी छात्र, जिन विषयों में प्रैक्टिकल भी जरूरी है, उनकी पढ़ाई कैंपस में होगी।
अब बुधवार को सरकार ने इस आदेश में संशोधन कर दिया। प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन की ओर से एक आदेश राज्य विश्वविद्यालयों के सभी कुलपतियों, उच्च शिक्षा निदेशक और सभी जिलाधिकारियों के लिए जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एक मार्च से राज्य के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों में सभी सेमेस्टर की पढ़ाई पूर्व की भांति शुरू हो जाएगी। इस दौरान कोरोना से बचाव के सुरक्षात्मक इंतजाम किए जाएंगे।
कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
सरकार ने अपने आदेश के साथ यह भी साफ कर दिया है कि कॉलेज-विश्वविद्यालयों में शिक्षण संबंधी बंदिशें भले ही हटा दी गई हैं, लेकिन कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। कक्षाओं और कॉलेज परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर जरूरी होगा। हालांकि कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए यह एक चुनौती भी होगा। मास्क और सैनिटाइजर का नियम लागू करना तो आसान होगा, लेकिन क्लास में बच्चों के बीच डिस्टेंस बनाने के लिए विशेष योजना बनानी होगी।
दो लाख छात्र-छात्राएं हैं अध्ययनरत
प्रदेश में 105 सरकारी महाविद्यालय हैं। इसके अलावा 18 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय हैं। सभी महाविद्यालयों में करीब दो लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। महाविद्यालय खुलने पर सभी छात्र महाविद्यालय आ सकेंगे।
कॉलेजों को एक अप्रैल से नहीं मिलेगा अनुदान
प्रदेश में 18 अशासकीय कॉलेजों का अनुदान एक अप्रैल से बंद हो सकता है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला के मुताबिक यदि इन कॉलेजों ने 31 मार्च तक राज्य विश्वविद्यालय से संबद्धता न ली तो एक अप्रैल से इन कॉलेजों को राज्य सरकार से मिलने वाला अनुदान रोक दिया जाएगा।
प्रदेश के अशासकीय कालेजों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन के रूप में राज्य सरकार की ओर से अनुदान मिलता रहा है, लेकिन अब सरकार की ओर से इससे यह कहते हुए हाथ खींच लिए गए हैं कि यदि कॉलेजों को अनुदान चाहिए तो उन्हें राज्य विश्वविद्यालय से संबद्धता लेनी होगी। जबकि वर्तमान में अधिकतर अशासकीय कॉलेज हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से संबद्ध हैं।
उच्च शिक्षा निदेशक के मुताबिक राज्य विश्वविद्यालय से संबद्धता न लेने वाले कॉलेजों के अनुदान पर रोक के लिए शासन की ओर से आदेश जारी किया जा चुका है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से भी निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुछ अशासकीय कालेजों की ओर से राज्य विश्वविद्यालय से संबद्धता ले ली गई है। जिन कालेजों की ओर से संबद्धता नहीं ली गई हैं, उन्हें इसके लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है।
उधर अशासकीय कॉलेज अनुदान पर रोक से नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार की ओर से इस तरह के आदेश जारी कर शिक्षकों एवं कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।