उत्तराखंड: किसानों के लिए आज से शुरू होगा तीन लाख का ब्याज मुक्त ऋण वितरण, सीएम करेंगे शुभारंभ

Ankit Mamgain

 

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के किसानों के लिए तीन लाख का ब्याज मुक्त ऋण वितरण शनिवार से शुरू होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल परिसर से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। योजना के तहत 25 हजार किसानों को खेती किसानी के साथ ही मत्स्य पालन, जड़ी बूटी, मुर्गीपालन, मौनपालन आदि के लिए ऋण दिया जाएगा। प्रदेश भर में 100 स्थानों पर एक साथ ऋण वितरण कार्यक्रम किया जाएगा। मुख्यमंत्री वर्चुअल के माध्यम से सभी कार्यक्रम स्थलों से जुड़कर लोगों से संवाद करेंगे।



निबंधक सहकारी समितियां बीएम मिश्र ने बताया कि छह फरवरी को दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत तीन लाख रुपये का ब्याज रहित ऋण वितरण का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री इस योजना का आगाज करेंगे। एक ही दिन में 100 स्थानों पर 25 हजार लोगों को कृषि के साथ कृषि उपकरणों, मत्स्य पालन, जड़ी-बूटी उत्पादन, मुर्गीपालन, मौन पालन के लिए ऋण वितरण किया जाएगा।



दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अलावा कार्यक्रम में प्रदेश की 200 बहुउद्देशीय कृषि ऋण सहकारी समितियों को कंप्यूटराइजेशन के लिए हार्डवेयर भी वितरित किए जाएंगे। सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन पर लगभग 40 करोड़ की राशि व्यय की जाएगी। इसमें 25 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार के माध्यम से दी जाएगी। मार्च 2021 तक प्रदेश की सभी सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य होगा। जहां प्रदेश की सभी बहुउद्देशीय कृषि ऋण सहकारी समितियां कंप्यूटरीकृत होंगी। 


किसानों से जो वादा किया, उसे पूरा कर रही सरकार : सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किसानों से जो वायदे किए हैं, उन्हें सरकार पूरा कर रही है। प्रदेश के किसानों ने भी सरकार की अपेक्षाओं को पूरा करने का काम किया है। 2017 में सरकार ने किसानों को दो प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रुपये का ऋण दिया था। सरकार ने यह बात भी कही थी कि योजना के अच्छे परिणाम सामने आने पर सरकार ब्याज मुक्त ऋण देने का फैसला लेगी।


किसानों ने अच्छा काम किया। अब सरकार किसानों को तीन लाख रुपये और समूह को पांच लाख का ब्याज मुक्त ऋण देगी। सीएम ने कहा कि प्रदेश में 20 सालों में पहली बार गन्ने का भुगतान सत्र शुरू होने से पहले किया गया। सरकार का प्रयास है कि धान, गेहूं, गन्ना समेत अन्य फसलों का किसानों को समय पर भुगतान हो। इसके लिए उन्हें इंतजार न करना पड़े।

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