हरिद्वार प्रतीकात्मक |
महाकुंभ में स्नान के लिए आने वाले संतों को भी 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट लानी होगी। सभी अखाड़ों की छावनियों में ठहरने वाले संतों की कोविड की एंटीजन जांच की जाएगी। इसके साथ कोरोना संक्रमण नियंत्रण के मद्देनजर छावनियों में कोरोना गाइडलाइन का पालन भी करना होगा।
देश के पांच राज्यों में कोविड का नया स्ट्रेन एक बार फिर तेजी के साथ फैल रहा है। ऐसे में महाकुंभ के आयोजन को लेकर सरकार, मेला प्रशासन व जिला प्रशासन और अधिक सचेत हो गया है। कुुंभ की अधिसूचना जारी होने के साथ एक अप्रैल से हरिद्वार महाकुंभ 2021 शुरू हो जाएगा। कुंभ को लेकर जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एअसोपी) में कुंभ स्नान के लिए पंजीकरण और कोविड जांच रिपोर्ट अनिवार्य होगी।
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कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के साथ संतों के लिए भी पंजीकरण और कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट लानी होगी। 11 मार्च को संन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे। मार्च में धर्मध्वाजा स्थापना के साथ अखाड़ों की पेशवाई भी निकलेगी। कुंभ स्नान के लिए अखाड़ों के संत और नागा संन्यासी हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गए हैं। ये संन्यासी अखाड़ों की छावनियों में ठहरेंगे।
इसलिए कोविड संक्रमण नियंत्रण के लिए छावनियों में ठहरने वाले सभी संतों की कोविड की एंटीजन जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग थर्मल स्क्रीनिंग और कोविड जांच टीम भी गठित कर रहा है। छावनियों में दो गज की दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन के लिए विशेष इंतजाम होंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम सुरक्षा नियमों के पालन के लिए संतों को जागरूक भी करेगी।
कुंभ की अधिसूचना जारी होने के साथ संतों और श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व 72 घंटे पहले की कोविड आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। अखाड़ों की छावनियों में ठहरने वाले संतों की कोविड एंटीजन जांच की जाएगी। छावनियों में शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होगा। इसके लिए संतों को जागरूक किया जाएगा।
- डॉ. एसके झा, सीएमओ, हरिद्वार
दिव्य, भव्य और सुरक्षित कुंभ का आयोजन सरकार और मेला प्रशासन की प्राथमिकता में है। कुंभ की अधिसूचना जारी होने के साथ एसओपी प्रभावी हो जाएगी। एसओपी में कुंभ स्नान के लिए आने वाले सभी संतों और श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण और कोविड रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।