आम बजट 2021 : उत्तराखंड को आज मिलेंगे पर्यावरण, परंपरा, पलायन, स्वास्थ्य से जुड़े सवालों के उत्तर

Ankit Mamgain

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण - फोटो : ANI file photo
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण - फोटो : ANI file photo

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट के पिटारे से उत्तराखंड कुछ खास मिलने की आस लगाए बैठा है। सोमवार को वह बजट पेश करेंगी। भौगोलिक कठिनाइयों और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के बोझ के बदले राज्य की निगाहें ग्रीन बोनस पर लगी हैं। पड़ोसी मुल्कों से सीमा पर तनाव के बीच केंद्र सीमांत क्षेत्रों के विकास पर फोकस कर सकता है। 



यदि सीमांत क्षेत्रों के विकास को तरजीह मिलती है तो इसका फायदा उत्तराखंड को पलायन के मर्ज को कुछ हद दूर करने में होगा। कोविड-19 महामारी से सबक लेते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी और नई घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है।



ऐसा होने पर उत्तराखंड सरीखे पर्वतीय राज्य को भी इसका फायदा मिलेगा, जहां प्रतिव्यक्ति के स्वास्थ्य पर खर्च की दर दूसरे राज्यों की तुलना अभी काफी कम है। पिछले दिनों वित्त मंत्री के सामने उत्तराखंड ने अपनी आशाओं को व्यक्त कर दिया है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने केंद्रीय बजट से कुछ ऐसी उम्मीदें की हैं।


बजट से उत्तराखंड की उम्मीद


पहाड़ में हर गांव में पहुंचे सड़क

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 250 आबादी के गांव को ही सड़क से जोड़ने की योजना है। पहाड़ी राज्य होने के नाते उत्तराखंड केंद्र से मानकों में ढील देते हुए इसे 150 की आबादी करने की मांग कर रहा है। ऐसा होने पर राज्य के अधिकांश गांव सड़क से जुड़ सकते हैं।


आयुष कोरिडोर बनाया जाए

आयुर्वेद उत्तराखंड की परंपरा का हिस्सा है। 71 प्रतिशत वन क्षेत्र वाला यह राज्य जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों का खजाना है। केंद्र से आध्यात्मिक इको जोन व आयुष जोन की उम्मीद उत्तराखंड कर रहा है। राज्य की ओर से यह मांग उठाई गई है।

 

सीमांत क्षेत्रों के विकास की दरकार

उत्तराखंड चाहता है कि केंद्र सरकार चीन, नेपाल, तिब्बत की सीमा से सटे उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए अधिक धनराशि दे ताकि वहां अवस्थापना के कार्यों के साथ आजीविका आधारित योजनाओं के जरिये तेजी से हो रहे पलायन को रोका जा सके।


मनरेगा व वृद्धावस्था पेंशन में मदद बढ़ाए केंद्र


वृद्धावस्था पेंशन में केंद्र अभी 200 रुपये प्रति लाभार्थी दे रहा है। राज्य सरकार इसे 1000 रुपये करने की मांग कर रही है। राज्य सरकार मनरेगा योजना में श्रम सामग्री के अनुपात को 60:40 के बजाय 50:50 करना चाहती है। वित्त मंत्री से यह मांग की गई है।


केंद्र पोषित योजनाओं में धनराशि बढ़ाए


राज्य सरकार केंद्र से यह उम्मीद कर रही है कि वह केंद्र पोषित योजनाओं में धनराशि बढ़ाए ताकि विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में आसानी हो। 


ये मांगें भी शामिल हैं


- प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में गांवों में घर बनाने की धनराशि को 1.30 लाख से बढ़ाकर दो लाख किया जाए

- स्वरोजगार के लिए दिए जाने वाले ऋण को दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया जाए

- गोरीकुंड-केदारनाथ, गोविंदघाट-हेमकुंड और नैनीताल रोपवे निर्माण केंद्रीय योजना में शामिल हो 

- छोटे उद्योगों की मदद के लिए रूरल बिजनेस इक्यूबेटर की स्थापना को वित्तीय मदद दे केंद्र

- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत सहायता राशि को 35 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए


हम केंद्र पोषित योजनाओं में धनराशि बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसी संभावना है कि केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को बढ़ाया जाए। ऐसा होने पर इसका लाभ राज्यों को भी होगा। 

- अमित सिंह नेगी, सचिव वित्त

यह भी पढ़ेBudget 2021 Expectations: चुनावी साल में उत्तराखंड को केंद्र सरकार से ग्रीन बोनस की दरकार


#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!