उत्तरकाशी: सिद्धपीठ कुटेटी देवी की पूजा अर्चना संतान प्राप्ति के मनोरथ के साथ ही सुख समृद्धि देने वाली मानी जाती है। खास तौर पर चैत्र नवरात्रों में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती हैं।
सिद्धपीठ कुटेटी देवी की पूजा अर्चना संतान प्राप्ति के मनोरथ के साथ ही सुख समृद्धि देने वाली मानी जाती है। खास तौर पर चैत्र नवरात्रों में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती हैं।
ऐसे पहुंचें मंदिर
सड़क मार्ग से देहरादून से 160 किमी व ऋषिकेश से 225 किमी की दूरी तय कर उत्तरकाशी पहुंचा जा सकता हैं। शहर से कुटेटी देवी मंदिर लंबगांव-केदारनाथ मार्ग पर तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ऐतिहासिक मान्यता
चौदह पीढ़ियों तक फैले पुजारियों के परिवार से नवीनतम पुजारी एक दिलचस्प कहानी बताते है:
गंगोत्री की यात्रा के दौरान कोटा (राजस्थान में) के महाराजा ने पैसे की एक थैली खो दी। इस प्रकार, आवश्यक खर्चों को पूरा करने में असमर्थ, वह उत्तरकाशी लौट आया, जहां उसने विश्वनाथ से अपनी परेशानियों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की।
अपनी इकलौती बेटी की शादी गाँव के किसी भी उपयुक्त लड़के से करने का वादा किया, परन्तु हसरत थी की इसके लिए बैग मिल जाना चाहिए! जो बैग पुजारी द्वारा मंदिर के अंदर पूरे पैसों के साथ मिला।
तब प्रसन्न महाराजा ने पुजारी से अपनी बेटी के लिए एक उपयुक्त मैच की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। नियत समय में, राजकुमारी का विवाह विश्वनाथ मंदिर के पुजारी द्वारा चुने गए लड़के से हुआ था।
लेकिन राजकुमारी बहुत दुखी थी क्योंकि शादी उसे अपने परिवार के कुलदेवी कुटेटी देवी से दूर ले जा रही थी, जिनकी वह हमेशा पूजा करती थी। इसलिए पति-पत्नी ने मिलकर देवी से उनकी मदद करने की प्रार्थना की।
माता कुटेटी देवी ने पति -पत्नी को उनके सपनों में दिखाया कि माता स्वयं खेतों में एक पत्थर के आकार में मौजूद होगी। राजकुमारी और उनके पति ने स्वर्गीय सुगंध के साथ 3 पत्थरों की खोज की, और कुटेटी देवी मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया जहां ये पत्थर पाए गए थे।
निर्माण की शैली
पुराने समय में यह मंदिर सामान्य स्थानीय भवन शैली से ही मेल खाता था। बाद में मनेरी भाली परियोजना निर्माण के दौरान इसका पक्का निर्माण करवाया गया तथा मंदिर को शिखर शैली का रूप दिया गया।
धार्मिक मान्यता
ऐसी मान्यता है कि संतानहीन यदि सच्चे मन से सिद्धपीठ कुटेटी मंदिर में संतान की कामना करे तो मां उनकी इच्छा अवश्य पूरी करती है। कुटेटी देवी समृद्धि और परिवार में सुख शांति प्रदान करने वाली देवी है इसी लिए इन्हें लक्ष्मी स्वरूप भी माना जाता है।
मंदिर के पुजारी ललित मोहन नौटियाल का कहना है कि कुटेटी देवी में लोगों की बड़ी आस्था है। चैत्र नवरात्र में यहां विशेष पूजा अर्चना होती है। प्रमुख पर्व के दौरान मां कुटेटी के दर्शन मात्र से मानव का कल्याण होता है। वर्ष भर श्रद्धालु अपनी मन्नतों को लेकर मां के दरबार में आते हैं।
मंदिर जीर्णोद्धार समिति पदाधिकारी अजय प्रकाश बढ़ेगा का कहना है कि मां कुटेटी मंदिर में नगर व गांव के ध्याणीयां विवाह के बाद एक बार इस मंदिर में मां का आशीर्वाद लेने आती हैं। साथ ही नगर के लोग नए वाहनों और नये कार्य का शुभारंभ के लिए मां का आशीर्वाद लेने यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने से पहले मां कुटेटी देवी का आशीर्वाद लेने से कार्य सफल हो जाते हैं।
MAP OF KUTETI DEVI MATA MANDIR, UTTARKASHI
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