रोडवेज बस हादसे में घायल 57 वर्षीय चालक की मंगलवार को सुबह एम्स ऋषिकेश में उपचार के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत की खबर सुनकर रोडवेज अफसरों में हड़कंप मच गया। निगम ने परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ ही परिवार के एक आश्रित को नौकरी देने की सिफारिश करने का ऐलान किया है।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने आरोप लगाया था कि परिवहन निगम ने यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए व मोटर वाहन एक्ट की धज्जियां उड़ा बुजुर्ग चालक से रोडवेज अफसरों ने लगातार 2000 किमी की ड्यटी कराई थी। हादसे का कारण भी चालक को नींद आना माना जा रहा था। इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग करते हुए लगातार ड्यूटी कराने वाले अफसरों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर्मचारी यूनियन ने की है।
वहीं, मृतक की पत्नी ने भी अफसरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने, 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व बेटे को नौकरी देने की मांग की है। बीते पांच दिन से रोडवेज कर्मचारी यूनियन की चल रही हड़ताल के कारण दूसरे संगठनों से जुड़े चालक और परिचालकों को बिना आराम दिए लगातार ड्यूटी कराई जा रही है।
दुष्परिणाम यह हुआ था कि चंडीगढ़ से हरिद्वार होकर कोटद्वार जा रही रोडवेज बस रविवार तड़के दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हरिद्वार डिपो की यह साधारण बस श्यामपुर में सामने से आ ही उत्तर प्रदेश रोडवेज की बस से भिड़ गई थी, जिसमें उत्तराखंड रोडवेज के 55 वर्षीय चालक ओमपाल सिंह बुरी तरह जख्मी हुए थे और उनका ऋषिकेश एम्स अस्पताल में उपचार चल रहा था।
सहायक महाप्रबंधक प्रतीक जैन ने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए मृतक चालक के परिजनों को पांच लाख रुपये की तत्काल सहायता देने की घोषणा के साथ ही परिवार के एक आश्रित को नौकरी देने की सिफारिश करने की भी घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक चालक के सभी देयकों का भुगतान 15 दिन के भीतर कर दिया जाएगा।